सम्पादकीय

राम मंदिर निर्माण से होगा अयोध्या का आर्थिक विकास, बदल जाएगी भगवान श्रीराम की नगरी की तस्वीर

Gulabi
15 March 2021 9:31 AM GMT
राम मंदिर निर्माण से होगा अयोध्या का आर्थिक विकास, बदल जाएगी भगवान श्रीराम की नगरी की तस्वीर
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देश के विकसित राज्यों की पांत में भी आगे खड़ा हो सके।

मार्च 2017 में जब उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी और योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने अयोध्या में भव्य दीपावली मनाने का एलान किया। सरयू घाट सहित पूरी अयोध्या को जगमगा दिया गया। भारत के आराध्य श्रीराम की अयोध्या जगमगाई तो हर भक्त प्रसन्न हो गया, लेकिन उस समय भी एक वर्ग ऐसा था, जिसने सवाल पूछना शुरू कर दिया कि क्या अयोध्या में भव्य दीपावली मनाने से उत्तर प्रदेश की गरीबी कम हो जाएगी। क्या अयोध्या में दीपावली मनाने से लगातार पिछड़ते जा रहे उत्तर प्रदेश का आíथक विकास इस तरह से हो पाएगा कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य होने के साथ ही देश के विकसित राज्यों की पांत में भी आगे खड़ा हो सके।

भले ही यह प्रश्न उसी वर्ग की ओर से पूछे जा रहे थे, जिन लोगों ने बार-बार यह प्रश्न पूछा कि देश के आराध्य श्रीराम के जन्मस्थल पर ही मंदिर बनने से क्या हो जाएगा, लेकिन यह प्रश्न महत्वपूर्ण है, इसलिए इसका उत्तर देश को अवश्य मिलना चाहिए। नींव भराई का काम शुरू होते ही इन महत्वपूर्ण प्रश्नों का उत्तर मिलना भी शुरू हो गया है
दरअसल मार्च 2017 में जब उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी थी तो उस समय तक अयोध्या विवादों से मुक्त नहीं हो पाया था और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के लगभग स्पष्ट निर्णय के बावजूद सर्वोच्च न्यायालय में यह मामला लंबित था और विवादित होने की वजह से श्रीरामललाविराजमान लगभग कारागार जैसी स्थिति में भक्तों को दर्शन दे रहे थे और श्रीरामलला के दर्शन करने के लिए कई स्तरों की सुरक्षा व्यवस्था पार करके, श्रपित सी अयोध्या में भक्तों को जाना पड़ता था। इस स्थिति की वजह से हनुमानगढ़ी में लंबी कतार लगी रहती थी और श्रीरामललाविराजमान के दरवाजे के बाहर से ही भक्त शीश नवाकर चले जाते थे। अयोध्या के सरयू घाट पर आरती भी नहीं होती थी और आरती के लिए सरयू घाट आरती समिति को प्रतिदिन आरती सामग्री का प्रबंध करना कठिन होता था। जिला प्रशासन ने 1,500 रुपये प्रतिदिन सरयू आरती के लिए प्रविधान कर दिया था।
भगवान श्रीराम के जन्मस्थान, तीन हजार से ज्यादा हिंदू मंदिरों और सरयू घाट वाले अयोध्या की वस्तुस्थिति यही थी। लेकिन पांच अगस्त 2020 को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वहां भूमि पूजन किया, तो उसके बाद से वहां लगभग सभी चीजों में व्यापक परिवर्तन होता नजर आने लगा है।
जिस अयोध्या में एक बस अड्डा तक नहीं था, वहां दो शानदार बस अड्डे तैयार हो चुके हैं। अयोध्या तीन ओर से राजमार्ग से जुड़ चुका है। केंद्र की मोदी सरकार अयोध्या को देश के महत्वपूर्ण स्थानों से रेलवे और हवाई मार्ग से जोड़ने की योजना को मूर्त रूप दे रही है। श्रीराम मंदिर के आकार का रेलवे स्टेशन तैयार हो रहा है। अयोध्या में 285 एकड़ में भव्य श्रीराम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनेगा। इसके लिए 640 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने अयोध्या में कर्नाटक के लोगों के लिए यात्री निवास बनाने का निर्णय लिया है और इसके लिए इस बार के राज्य के बजट में 10 करोड़ रुपये का प्रविधान किया है। लगभग हर राज्य सरकार अयोध्या जाने वाले अपने राज्य के श्रद्धालुओं के लिए भवन बनाना चाहती है। देश-दुनिया के साधु-संत अयोध्या में अपना स्थान चाह रहे हैं। वर्ष 2023-24 में जब भव्य श्रीराम मंदिर बन जाएगा तो प्रतिदिन एक लाख श्रद्धालुओं के अयोध्या आने की उम्मीद है। वीरान रहने वाली अयोध्या भूमि पूजन के कुछ माह के भीतर ही चमकने लगी है। अयोध्या में श्रीराम मंदिर बनते चमत्कारिक विकास की कहानी भी तेजी से तैयार होती दिख रही है, लेकिन इस आर्थिक विकास की कहानी के मूल में कोई आर्थिक योजना नहीं, बल्कि भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर है।


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