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पहाड़ी प्रदेशों में बादल फटना, फ्लैश फ्लड, मूसलाधार बारिश होने आदि के कारण जान-माल का नुकसान होता है
पहाड़ी प्रदेशों में बादल फटना, फ्लैश फ्लड, मूसलाधार बारिश होने आदि के कारण जान-माल का नुकसान होता है, जिसे हम कुदरत का कहर करार दे कर मानवीय गलतियों पर पर्दा डालने की कोशिश करते हैं। सड़कों, परियोजनाओं, मकानों, कालोनियों आदि निर्माण के चक्कर में पेड़ों की अंधाधुंध कटाई कर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं और आपदाओं को न्योता देते हैं। ब्यास नदी में आई 1995 की बाढ़ के बाद हिमाचल सरकार ने नदी-नालों के आसपास कुछ दूरी तक हर प्रकार के निर्माण पर पाबंदी लगाने के बावजूद कुछ लोग नदी, नालों व सूखे नाला नुमा ढलान के आसपास निर्माण करने से हटते दिखाई नहीं देते। बरसात के मौसम में ढलान स्थान पर मकान निर्माण हेतु खुदाई करना भी जोखिम भरा साबित होता है। नदी-नालों व ढलाननुमा स्थानों पर जाने से परहेज करने में ही समझदारी होगी।
-रूप सिंह नेगी, सोलन
सोर्स- divyahimachal
Rani Sahu
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