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By NI Editorial
अब चूंकि ऐसे मामलों पर जज सार्वजनिक टिप्पणियां कर रहे हैं, तो समझा जाता है कि बाहर से होने वाली आलोचना उन्हें अंदर तक परेशान कर रही है।
प्रधान न्यायाधीश जस्टिस एनवी रमना ने अमेरिका में भारतीय मूल के लोगों को संबोधित करते हुए इस बात पर असंतोष जताया कि भारत में सरकार अपने हर कार्य पर न्यायपालिका की मुहर लगवाना चाहती है, जबकि विपक्ष चाहता है कि कोर्ट उसके एजेंडे के मुताबिक चले। जस्टिस रमना को यह याद दिलाने की जरूरत पड़ी की न्यायपालिका सिर्फ संविधान के प्रति जवाबदेह है। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट के ही न्यायाधीश जस्टिस जेबी पारडीवाला ने एक भाषण में कहा कि जजों की उनके फैसलों के कारण निजी आलोचना से एक खतरनाक स्थिति बन रही है, जिसमें जज फैसला देने से पहले सोचेंगे कि मीडिया क्या कहेगा, बजाय इसके कि कानून क्या कहता है। उन्होंने सोशल मीडिया पर होने वाली आलोचना को रोकने के उपाय करने की सलाह भी सरकार को दी है। जस्टिस पारडीवाला उन दो जजों में हैं, जिन्होंने पिछले हफ्ते भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नुपूर शर्मा के खिलाफ कड़ी टिप्पणियां की थीं। उन टिप्पणियों के बाद से सोशल मीडिया पर सत्ताधारी दल के समर्थकों की तरफ से विषैला अभियान चलाया गया है। उसके पहले जकिया जाफरी मामले में फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने जो टिप्पणियां कीं, उनसे उसे लिबरल खेमे की आलोचना का निशाना बनना पड़ा।
अब चूंकि ऐसे मामलों पर जज सार्वजनिक टिप्पणियां कर रहे हैं, तो समझा जाता है कि बाहर से होने वाली आलोचना उन्हें अंदर तक परेशान कर रही है। बेशक न्यायपालिका- या किसी संवैधानिक संस्था पर इस तरह के हमले उचित नहीं हैं, जिनसे उनके प्रति जन अविश्वास बढ़े। लेकिन ऐसा नहीं लगता कि आज जो माहौल है, उसमें इसे रोकने का कोई बाहरी उपाय है। इसका उपाय संभवतः सिर्फ यही है कि न्यायपालिका अपने को संवैधानिक कसौटियों पर खरा रखे। अब यह जजों- बल्कि न्यायपालिका से जुड़े सभी हितधारकों के लिए आत्म-निरीक्षण का वक्त है कि क्या न्यायपालिका हाल के वर्षों में इन कसौटियों पर खरी उतरी है? अगर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिकाएं महीनों लंबित रहती हैं, संविधान के मूल ढांचे से संबंधित सरकार के कदमों के खिलाफ दायर याचिकाएं ठंडे बस्ते में पड़ी रहती हैं, और न्यायपालिका की नाक के नीचे मूलभूत निजी अधिकारों के हनन की शिकायत गहराती जाती है, तो न्यायमूर्तियों को इस प्रश्न का उत्तर अवश्य ढूंढना चाहिए कि इसके लिए कौन उत्तरदायी है?
TagsAviom Review
Gulabi Jagat
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