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- निरंकुश साइबर अपराध:...
भूपेंद्र सिंह| मोबाइल फोन के जरिये साइबर अपराध को अंजाम देने वाले गैंग का भंडाफोड़ किया जाना एक अच्छी खबर तो है, लेकिन इस एक अकेले गिरोह की नकेल कसने के आधार पर यह नहीं कहा जा सकता कि धोखाधड़ी करने वाले तत्वों के दुस्साहस का दमन होगा। देश में ऐसे गिरोहों की गिनती करना मुश्किल है, जो साइबर अपराध में लिप्त हैं। केंद्रीय गृहमंत्रालय और विभिन्न राज्यों की पुलिस इससे अपरिचित नहीं हो सकती कि करीब-करीब हर दिन देश के किसी न किसी न हिस्से में साइबर धोखाधड़ी होती है। यह ज्यादातर मोबाइल फोन के जरिये ही होती है। कभी किसी के खाते से पैसे निकाल लिए जाते हैं तो कभी छल-कपट से किसी की निजी जानकारी हासिल कर ली जाती है और फिर उसका कई तरह से दुरुपयोग किया जाता है। इससे संतुष्ट नहीं हुआ जा सकता कि ऐसे अपराध रोकने के लिए साइबर सेल बने हुए हैं और शिकायतें दर्ज कराने का तंत्र भी काम कर रहा है, क्योंकि सच्चाई यह है कि ये सेल उतने प्रभावी नहीं हैं, जितना उन्हेंं होना चाहिए। इसी तरह यह भी एक तथ्य है कि कई बार साइबर धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराने में मुश्किल पेश आती है। इसका लाभ साइबर धोखाधड़ी करने वाले उठाते हैं।