- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- आपदा प्रबन्धन में...
एक सप्ताह के अंतराल से देश को दो समुद्री तूफानों ताऊते और यास का सामना करना पड़ा, जिससे देश को बड़े स्तर पर आर्थिक क्षति हुई। अब दोबारा पटरी पर जीवन लौटने के लिए कई महीने लग जाएंगे। केंद्र व राज्य सरकार मिलकर पीड़ितों की मदद कर रही है, फिर भी प्रकृति की इस चपेट में आए लोगों के दुखों पर मरहम लगाना आसान नहीं है। देश ने सबसे बड़ी समुद्री तबाही 2004 में सुनामी के रूप में देखी और 2006 में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन फोर्स (एनडीआरएफ) की स्थापना की, जो प्राकृतिक आपदा में सक्रिय नजर आती है लेकिन आपदाएं जितने बड़े स्तर पर आतीं हैं उसके मुकाबले एनडीआरएफ के पास मानवीय बल, साधन व तकनीक उपलब्ध नहीं है। ये नहीं कि हमारे देश में फंड की कोई कमी है। दरअसल, सरकारें फंड वितरित करने के वक्त निजी क्षेत्रों को भी सरकारी क्षेत्र के बराबर या उससे ज्यादा फंड जारी कर देती हैं।
क्रेडिट बाय सच कहूं