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- मीडिया पर हमला

अफगानिस्तान में भारतीय फोटो पत्रकार की हत्या जितनी दुखद है, उतनी ही चिंताजनक भी। दानिश सिद्दीकी की हत्या ने अफगानिस्तान में पूरे मीडिया को गंभीर चिंता में डाल दिया है। गोलीबारी या मुठभेड़ की स्थिति में आम तौर पर किसी पत्रकार को निशाना नहीं बनाया जाता है, पर तालिबान ने जो दुस्साहस किया है, दरअसल वह प्रेस या मीडिया पर हमला है। निर्मम और बर्बर नियम-कायदे वाले तालिबान प्रेस को कतई महत्व नहीं देते हैं, वे अपनी राह में आने वाले हरेक शख्स को पागलपन के साथ रास्ते से हटाते हैं। कंधार में तालिबान ने भारतीय फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी की उस वक्त हत्या कर दी, जब वह अफगान सुरक्षा बलों के साथ वहां के हालात की रिपोर्टिंग कर रहे थे। समाचार एजेंसी रॉयटर्स से जुड़े दानिश पुलित्जर पुरस्कार विजेता थे। गौरतलब है कि 13 जुलाई को भी उन पर हमला हुआ था और वह बाल-बाल बचे थे। हवाई हमले में बचने के बाद दानिश ने खुद ट्वीट करके हमले की जानकारी दी थी और कहा था कि वह भाग्यशाली रहे, बच गए। लेकिन दूसरी बार हुए हमले में वह भाग्यशाली साबित नहीं हुए और उनकी हत्या की खबर से दुनिया स्तब्ध रह गई।
