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- न्याय पर हमला
झारखंड में न्यायपालिका की सुरक्षा पर सवाल खडे़ करने वाली जो घटना हुई है, उसने पूरे न्याय जगत को झकझोर कर रख दिया है। पूरी न्याय बिरादरी न केवल दुखी, बल्कि नाराज भी है। धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद को सुबह की सैर के समय सड़क किनारे जिस तरह से टक्कर मारी गई है, उसे बहुत गंभीरता से लेने की जरूरत है। अगर किसी अपराधी को जमानत न देने या किसी अपराधी को सजा सुनाने की वजह से जज को निशाना बनाया गया है, तो यह पूरी कानून-व्यवस्था के लिए चुनौती है। कानून के शासन पर ही प्रश्नचिन्ह लग गया है। आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन ऑटो का संतुलन बिगड़ने की दलील प्रथम दृष्टया सही मानी नहीं जा सकती। एक खाली सड़क पर पीछे से ऑटो अपनी लेन बदलते हुए सड़क के एकदम किनारे आता है और एक जज या व्यक्ति को टक्कर मारकर गिराने के बाद रुकता भी नहीं। यदि संतुलन बिगड़ने से यह दुर्घटना हुई होती, तो ऑटो वाले को टक्कर मारने के बाद रुकना चाहिए था, लेकिन वह टक्कर मारने के बाद आराम से चलता बना। वह तो भला हो कि सीसीटीवी फुटेज में सच सामने आ गया, वरना पुलिस तो इस मामले को सामान्य सड़क दुर्घटना मानकर ही चल रही थी। इस मामले में सीसीटीवी फुटेज की महत्ता एक बार फिर साफ हो गई है, जिसकी मदद से जज को न्याय मिलने की पूरी गुंजाइश है।