सम्पादकीय

अटल जी याद आए

Triveni
28 Dec 2022 12:53 PM GMT
अटल जी याद आए
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फाइल फोटो 

भारत-रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की समाधि ‘सदैव अटल’ पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी गए।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | भारत-रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की समाधि 'सदैव अटल' पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी गए। उन्होंने श्रद्धांजलि दी, नमन किया। राजनीतिक दृष्टि से यह अप्रत्याशित लग सकता है, क्योंकि अटलजी जीवन भर कांग्रेस-विरोधी राजनीति के नायक रहे। राहुल गांधी ने अटलजी में गौरव और राष्ट्रीय सम्मान का भाव महसूस किया, लिहाजा उसका स्वागत किया जाना चाहिए। राहुल के प्रथमद्रष्ट्या बड़प्पन और राजनीतिक बहादुरी की प्रशंसा भी की जानी चाहिए। अटलजी की समाधि पर सम्मान, श्रद्धा की ऐसी अभिव्यक्ति से न तो राहुल गांधी को कोई त्वरित राजनीतिक फायदा हो सकता है और न ही किसी ध्रुवीकरण की उम्मीद करनी चाहिए। कांग्रेस नेता ने महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, चरण सिंह और राजीव गांधी आदि राष्ट्रीय नेताओं की समाधियों पर भी जाकर श्रद्धा-सुमन अर्पित किए, नमन किया।

उसी कड़ी में उन्हें महसूस हुआ कि अटलजी भी राजनीतिक परिधियों से बहुत परे के, महान नेता थे, लिहाजा उन्होंने नैतिकता के आधार पर अटलजी को सम्मान दिया, लेकिन उसी दौरान कांग्रेस अध्यक्ष से जुड़े, कांग्रेस आलाकमान के समन्वयक गौरव पांधी ने एक ट्वीट लिख कर अटलजी को 'अंग्रेजों का मुखबिर' करार दिया, तो कांग्रेस के भीतरी विरोधाभास भी बेनकाब हो गए। अचानक सवालों की बौछार भी होने लगी। बेशक इतिहास और दस्तावेज अधिकतर अतीत को ही बयां करते हैं, लेकिन वे बेमानी नहीं होते। जब हम देश के प्रथम प्रधानमंत्री नेहरू का वह संदर्भ याद करते हैं, जिसमें उन्होंने युवा सांसद अटल बिहारी वाजपेयी के बारे में भविष्यवाणी की थी कि वह एक दिन भारत का प्रधानमंत्री होगा, तो वे अपशब्द भी बार-बार कौंधते हैं, जो अटलजी सरीखी कद्दावर शख्सियत के लिए इस्तेमाल किए गए थे। तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस ने वाजपेयी सरकार को 'संवेदनहीन', 'भ्रष्टाचारी', 'गैर-जिम्मेदार' और 'जनादेश का अपमान' करार दिया था।

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