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भूपेंद्र सिंह: मतदान के चौथे चरण के दौरान बंगाल के कूचबिहार जिले के शीतलकूची इलाके में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल यानी सीआइएसएफ जवानों की फायरिंग में चार लोगों की मौत और एक अन्य बूथ पर उपद्रवियों की ओर से एक मतदाता की हत्या यही बताती है कि यह राज्य चुनावी हिंसा का पर्याय बन गया है। सीआइएसएफ जवानों को उग्र भीड़ पर गोली इसलिए चलानी पड़ी, क्योंकि वह उनके हथियार छीनने पर आमादा थी। यह भीड़ इस अफवाह के बाद हमलावर हुई कि सुरक्षा बलों ने एक युवक को गोली मार दी है, जबकि वह बीमारी के कारण बेहोश हुआ था। पता नहीं यह झूठी और शरारत भरी अफवाह किसने फैलाई, लेकिन इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती कि चार दिन पहले ही ममता बनर्जी ने केंद्रीय सुरक्षा बलों के खिलाफ भड़काऊ बयान देते हुए लोगों को उनका घेराव करने के लिए उकसाया था। इस पर चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस भी दिया, लेकिन उनके तेवर जस के तस बने रहे। शीतलकूची इलाके की घटना को अपवाद नहीं कहा जा सकता, क्योंकि गत दिवस ही हुगली और 24 परगना में भाजपा की महिला प्रत्याशियों पर हमले किए गए। बंगाल में अभी तक मतदान का हर चरण हिंसा से दो-चार हुआ है। अंदेशा यही है कि मतदान के शेष चरण भी हिंसा के गवाह बन सकते हैं।