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- 5 राज्यों में विधानसभा...
विकास त्रिपाठी हिन्दुस्तान के गांवों में प्रधानी से लेकर विधानसभा-लोकसभा तक सभी पार्टियां चुनावी जीत और सत्ता की तृप्ति के लिए दिन रात एक कर देती हैं. यूपी में विधानसभा ( UP Assembly election) की 403 सीटें हैं. हम सब ये जानते हैं कि चुने जाने वाले भी 403 ही होंगे, लेकिन क्या हमने कभी ऐसा सोचा है कि चिकनी-चुपड़ी बातें और फिर वोट के लिए फिजूलखर्ची, देश को अंधेरे की ओर ले जा रही है. क्या हमने इस विषय पर कभी सोचने की कोशिश की है. जीत का आंकड़ा तो तय होता है लेकिन खर्च असीमित हैं. 2022 विधानसभा चुनाव में चुनाव आयोग (Election Commission) ने खर्च की सीमा 30 लाख से ज्यादा रखी है, लेकिन पिछले चुनावों का ग्राफ देखें तो पैमाने से ज्यादा खर्च हुए. यहां ये बताना जरूरी है कि 2019 लोकसभा चुनाव ( lok sabha election 2924) में चुनाव आयोग ने सभी सदस्यों को मिलाकर 10-12 हजार करोड़ खर्च करने की ही इजाजत दी थी, लेकिन 2019 चुनाव में 60 हजार करोड़ रुपये खर्च किए गए थे. सेंटर फॉर मीडिया स्टडी की एक रिसर्च में पता चला कि 2019 में हर लोकसभा में करीब 100 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे. हर वोटर के हिसाब से औसतन 700 रुपये खर्च किए गए. वहीं, 2014 लोकसभा चुनाव में खर्च का आंकड़ा करीब 30 करोड़ था.