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बॉलीवुड के सुपरस्टार शाहरुख खान का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें
divyahimachal.
बॉलीवुड के सुपरस्टार शाहरुख खान का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह कह रहे थे कि उनका बेटा आर्यन वह सब कुछ करे, जो वह नहीं कर पाए। आर्यन लड़कियों का पीछा करे, ड्रग्स का सेवन करे। यदि वह भोला-भाला, मासूम-सा बना रहेगा, तो फिर इस घर से बाहर रहे।' हम इस वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं कर सकते। वीडियो में शाहरुख की पत्नी गौरी भी मौजूद थीं, लिहाजा जो कुछ कहा जा रहा था, उसमें दोनों की सहमति लगती थी। दरअसल सवाल नैतिकता और सामाजिक व्यवहार का है कि शाहरुख अपने बेटे को क्या संस्कार देना चाहते थे? अथवा उन्होंने आर्यन पर कोई व्यंग्य कसा था? सवाल का मर्म शाहरुख-गौरी ही जानें, लेकिन आज का सच यह है कि नशीले पदार्थ के सेवन और उन्हें रखने के गंभीर आरोपों में आर्यन नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की गिरफ्त मंे है। उसने कितना नशा किया था या नशे का आदी नहीं है, यह मेडिकल रपट ही खुलासा करेगी, लेकिन आर्यन नशे के सौदागरों और सिंडिकेट के जाल में फंस चुका है, यह बेहद गंभीर स्थिति है। आर्यन के आरोप भी मासूम नहीं माने जा सकते। हम आर्यन के जरिए समूचे बॉलीवुड पर नशे का कलंक नहीं थोपेंगे, लेकिन यह भी सिनेमा-जगत् का ही एक संवेदनशील मामला है। आर्यन से शाहरुख खान की शख्सियत जुदा नहीं की जा सकती।
आर्यन शाहरुख की ही प्राथमिक जिम्मेदारी है, बेशक अब उसे मताधिकार प्राप्त हो चुका है। आर्यन बालिग है। वह नशे की दुनिया में शामिल था। समंदर में क्रूज पर जो रेव पार्टी हो रही थी, उसमें 21 ग्राम चरस, 13 ग्राम कोकीन, 5 ग्राम एमडी, एमडीएमए की 22 गोलियां आदि मादक पदार्थ बरामद किए गए हैं। आर्यन के पास से 1.33 लाख रुपए नकद पकड़े गए हैं। बड़े बाप की औलाद के पास इतने पैसे नहीं होंगे, तो अपराध के अंधे-काले समाज तक उसकी पहुंच कैसे होगी? बहरहाल आरोपी जूते, पर्स, अंतःवस्त्र में ड्रग्स को छिपाए हुए थे। किसी भी दृष्टि से यह मासूम अपराध के संकेत नहीं हैं। एनसीबी ने बीते एक साल के दौरान 300 से ज्यादा छापे मारे हैं, लेकिन तड़पती, छोटी मछलियां ही सामने आई हैं। नशे के मगरमच्छों तक कब पहुंचा जाएगा, यह किसी को भी आभास तक नहीं है, क्योंकि उनकी पहचान तक नहीं हो पाई है। यदि किसी सिंडिकेट का खुलासा होता है, तो वह विदेश की किसी अंधी गली में है अथवा नकाब पहने समाज के सामने है। वहां तक एनसीबी का कानूनी अधिकार-क्षेत्र नहीं है। आर्यन सरीखे असंख्य युवा देश के कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, आईआईटी, लॉ स्कूल्स आदि शैक्षिक संस्थानों में चरस, गांजा, भांग, कोकीन आदि मादक पदार्थों का सेवन सामान्य-सा चलन हो गया है। नौजवान खोखले हो रहे हैं। हमारी युवा पीढि़यां बर्बाद हो रही हैं। कई नशीले पदार्थ तो बेहद महंगे होते हैं और खुलेआम बाज़ार में बेचना भी अवैध है, लिहाजा गंभीर सवाल है कि युवाओं तक नशे की सप्लाई कौन कर रहे हैं? बेशक विशेष पुलिस और एनसीबी तक इन नशेड़ी पीढि़यों की जानकारियां जरूर होंगी, लेकिन कभी-कभार ख़बर आती है, तो बॉलीवुड और टीवी सीरियल वालों की ही सुर्खियां बनती हैं मानो वहीं नशे के तमाम स्रोत उपस्थित हैं। यह भी अर्द्धसत्य है।
संजय दत्त और फरदीन खान से लेकर दीपिका पादुकोण, सारा अली खान, श्रद्धा कपूर, भारती सिंह पति समेत, अरमान कोहली, अर्जुन रामपाल, रकुल प्रीत सिंह आदि न जाने कितने कलाकारों पर नशे के आरोप लगे। उन्हें तलब करके पूछताछ की गई। संजय दत्त को तो जेल में कई साल गुज़ारने पड़े। आज भी कुछ कलाकार जेल में होंगे। लेकिन नशेडि़यों और नशे का धंधा करने वाली जमात यह नहीं है। अलबत्ता उन्हें नशे की तलब होगी, तो कुछ नशा कर लिया होगा! नशे की बंदरगाहें कहीं और हैं, जहां ढेर नशीले पदार्थ होंगे और वहीं से तस्करी, दलाली की जाती रही होगी! एनसीबी को ऐसे चक्रव्यूह तोड़ने चाहिए। अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ तालमेल, गठबंधन किए जा सकते हैं। बॉलीवुड के लिए भी एक निश्चित आचार-संहिता बननी चाहिए कि शूटिंग से पहले जांच की जाए कि किसी नशे का सेवन किया है या नहीं। यदि नशे की पुष्टि होती है, तो कलाकार या निर्देशक पर सांकेतिक पाबंदी की सजा होनी चाहिए। ऐसा नियामक खुद बॉलीवुड ही तय करे। बहरहाल आर्यन और आरोपियों पर अदालत का रुख क्या रहता है, यह गौरतलब होगा, क्योंकि जमानत होने से अपराध की संभावनाएं बरकरार रहेंगी।
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