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- केरल की 'आर्या...
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारत का केरल राज्य इस देश का सांस्कृतिक मुकुट और राजनीतिक वेदशाला के रूप में इस प्रकार प्रतिष्ठापित है कि इस धरती में जन्म लेने वाले आदिशंकराचार्य ने पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में 'अद्वेत वेदान्त' के सिद्धांत को जागृत कर धर्म की स्थापना के साथ ही भारत के जनमानस को एक सूत्र में जोड़ा और आठवीं शताब्दी में विखंड होती भारतीय मूल ब्रह्म चेतना को प्रज्ज्वलित किया। यह कार्य उन्होंने मात्र 30 वर्ष तक की आयु में ही पूरा करके भारत को उसकी जड़ों से जोड़ते हुए सर्वत्र फैली सनातन संस्कृति के विलुप्त होते चिन्हों को संकलित कर उन्हें लोक अभिव्यक्ति में परिवर्तित कर डाला। आज का भारत आदिशंकराचार्य का उस धर्म मीमांसा का प्रतिफल है जिसे पकड़ कर इसके लोग स्वयं के आस्तिक व धार्मिक होने का दम्भ भरते हैं। आदिशंकराचार्य भारतीय इतिहास के अभी तक के सबसे बड़े तर्कशास्त्री भी हुए हैं।