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एक्शन सीन करने का जोखिम उठाने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए
जयप्रकाश चौकसे का कॉलम:
खबर है कि दीपिका पादुकोण शाहरुख खान की आने वाली फिल्म 'पठान' में अपने एक्शन सीन स्वयं ही करने वाली हैं। प्राय: फिल्मों में इस तरह के सीन शूट करने के लिए डुप्लीकेट का उपयोग किया जाता है। मारधाड़ के सीन अभिनीत करने वाले डुप्लीकेट प्रशिक्षित होते हैं। साथ ही उनका बीमा भी कराया जाता है। शूटिंग के पूर्व उनसे कानूनी दस्तावेज भी लिया जाता है कि वे अपनी इच्छा से जोखिम ले रहे हैं और उन पर किसी तरह का दबाव नहीं है। ज्ञातव्य है कि महबूब खान ने एक बार नायक के बदले घुड़सवारी का सीन किया था।
घुड़सवारी आने के कारण उन्हें फिल्मों के लिए रास्ता मिला और बाद में उन्होंने 'मदर इंडिया' जैसी फिल्में बनाईं। ज्ञातव्य है कि 'मदर इंडिया' फिल्म की शूटिंग के दौरान आग लग जाने के सीन फिल्माने के दौरान नरगिस सच में आग में फंस गई थीं। तब सुनील दत्त ने नरगिस को आग से बचाया था। उनकी प्रेम कहानी इसी घटना से शुरू हुई थी। गौरतलब है कि वर्तमान में तापसी पन्नू स्वयं अधिकतर एक्शन सीन करती हैं। 'नाम शबाना' और 'बेबी' में उन्होंने अपने एक्शन सीन स्वयं ही किए थे।
फिल्म में यथार्थ का प्रभाव लाने के लिए कलाकार खुद ही एक्शन सीन करने का जोखिम उठाते हैं। एकबार एक कलाकार ने शूटिंग देखने आए हुए लोगों को प्रभावित करने के लिए एक्शन सीन खुद करना चाहा। लेकिन फिल्म के डायरेक्टर ने उन्हें रोक दिया, क्योंकि कलाकार के चोटिल होने पर शूटिंग स्थगित करने से निर्माता को बड़ा नुकसान होता है। इसके साथ ही यूनिट के दिहाड़ी मजदूर भी फांकाकशी करने लगते हैं। फिल्म, दर्शक को यकीन दिलाने की कला है।
कुछ लोगों ने फिल्म को यथार्थवादी बनाने की मुहिम चलाई है और वे इसके लिए कई तरह के जोखिम लेते हैं। अरसे पहले श्याम नामक सितारे ने एक फिल्म में अपनी हेकड़ी दिखाने के लिए घुड़सवारी का सीन खुद किया और घोड़े से गिरने के कारण उसकी मृत्यु हो गई। ज्ञातव्य है कि फिल्म 'कुली' की शूटिंग के समय एक एक्शन सीन में अमिताभ बच्चन को गंभीर चोट आई थी। मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में उनका इलाज लंबे समय तक चला था। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, अमिताभ बच्चन के हाल-चाल जानने के लिए स्वयं अस्पताल गई थीं।
हरिवंश राय बच्चन और नेहरू परिवार के गहरे संबंध रहे हैं। गोया की फिल्म उद्योग में फिल्मकार, स्टंट आर्टिस्ट/डुप्लीकेट्स के संगठन के अध्यक्ष से परामर्श करके और पूरी सुरक्षा व्यवस्था देख कर ही एक्शन फिल्म की शूटिंग करते हैं। रमेश सिप्पी ने शोले के एक्शन सीन के लिए विदेशी तकनीशियन बुलाए थे। 'रेलगाड़ी' पर फिल्माए गए एक्शन सीन विदेशी तकनीशियन ने ही शूट किए थे।
दिलीप कुमार ने अपनी फिल्म 'गंगा जमुना' की रेल डकैती का सीन भारतीय तकनीशियन की सहायता से इंदौर-महू नैरो गेज रेलवे ट्रैक पर फिल्माया था और सीन प्रभावोत्पादक बन गया था। दरअसल मशीन को चलाने वाले तकनीशियन की कल्पना शक्ति पर ही मशीन की ताकत का अनुमान होता है। राज कपूर ने 'संगम' में एफिल टॉवर के सीन भारतीय कैमरे से शूट किए थे। इसी समय एक विदेशी यूनिट आधुनिकतम कैमरे से शूटिंग कर रही थी।
उन्हें प्रचलन से बाहर गए मिचेल कैमरे से शूटिंग करता देखकर लगा कि परिणाम खराब होगा। इत्तेफाक से विदेशी फिल्म और संगम का पोस्ट प्रोडक्शन का काम लंदन स्थित टेक्निकल प्रयोगशाला में ही हो रहा था। विदेशी तकनीशियन 'संगम' से प्रभावित हुए तो राज कपूर ने सारा श्रेय अपने कैमरामैन राधू करमाकर को दिया।
बहरहाल, कलाकारों को खुद एक्शन सीन करने का जोखिम उठाने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि इस तरह की चीजों से फिल्म निर्माण में कई तरह की दिक्कतें आ सकती हैं। वैसे जिंदगी में सब जगह जोखिम है, खतरा है लेकिन बच कर चलना नागरिक का दायित्व है।
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