सम्पादकीय

सेना का मनोबल

Triveni
21 Dec 2022 4:41 AM GMT
सेना का मनोबल
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फाइल फोटो 

इसे लेकर संसद में गतिरोध बना हुआ है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | इसे लेकर संसद में गतिरोध बना हुआ है। विपक्ष इस पर चर्चा कराने की मांग कर रहा है, तो सत्तापक्ष इससे किनारा करता दिख रहा है। हालांकि घटना के प्रकाश में आने पर रक्षामंत्री ने संसद में सरकार का पक्ष रखा था, मगर विपक्षी दल उससे संतुष्ट नहीं हैं।

वे सरकार से जानना चाहते हैं कि आखिर चीन की घुसपैठ की सूचना को छिपाए क्यों रखा गया और यह भी कि सरकार ने चीन को लेकर क्या रणनीति बनाई है। उधर अपनी पदयात्रा के बीच राहुल गांधी ने एक प्रेसवार्ता में कह दिया कि सीमा पर चीनी सैनिक भारतीय सैनिकों की 'पिटाई' कर रहे हैं। इसे लेकर सत्तापक्ष हमलावर है कि इस तरह के बयानों से सेना का अपमान होता, उसका मनोबल गिरता है और उसका इस्तेमाल अपनी राजनीति चमकाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। इस तरह संसद में अब हंगामे का केंद्र बिंदु चीन की घुसपैठ से खिसक कर सेना के अपमान और मनोबल पर पहुंच गया है। यानी प्रकारांतर से दोनों ने सेना को अपनी राजनीतिक रस्साकशी का जरिया बना लिया है।
हालांकि यह पहली बार नहीं है, जब सेना को राजनीति में घसीटने का प्रयास किया जा रहा है। मुद्दा सेना के साहस और मनोबल का नहीं है। असल विषय है चीन की घुसपैठ का। यह अच्छी बात है कि भारतीय सैनिकों ने चीन की रणनीति पर पानी फेर दिया और उसके सैनिकों को वापस लौटना पड़ा। मगर यह सवाल अभी तक अनुत्तरित है कि आखिर चीन ने यह हिमाकत की कैसे। अगर सरकार सचमुच कूटनीतिक रूप से उस पर दबाव बनाए रहती, तो शायद वह ऐसा करने की सोच भी नहीं सकता था।

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