- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- सेना, सरकार और आंतरिक...
सदियों से सत्तासीन लोग आम जनता का मुख्य मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए सोच समझकर एक योजनाबद्ध तरीके से भावनात्मक मुद्दों को उठा देते हैं, जिससे लोगों का मूलभूत जरूरतों से ध्यान भटक जाता है तथा वह भावनाओं में बह कर निर्णय लेना शुरू कर देते हैं। पर इतिहास यह भी बताता है कि अगर किसी ने राजनीतिक फायदे के लिए राष्ट्र और आंतरिक सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया है और उसे हल्के में लिया है तो इसके परिणाम भी भयावह रहे हैं। हमारा देश ही नहीं, अगर आप विश्व के अन्य देशों को भी देखें तो इस तरह के मुद्दे हमें लगभग हर देश में देखने को मिल रहे हैं। पड़ोसी देश श्रीलंका एवं पाकिस्तान इसके जीते जागते सबूत हैं। रूस और यूक्रेन में पिछले लगभग 100 दिन से चल रहे युद्ध में जो दोनों देशों का नुकसान हुआ है, उसे भी पूरा विश्व भलीभांति जान चुका है। इस युद्ध से यह भी साफ हो गया है कि आज के समय में आधुनिक टेक्नोलॉजी के हथियारों से लड़े जाने वाले युद्ध में हार-जीत का फैसला करना बड़ा ही मुश्किल है, क्योंकि एक छोटा सा छोटा देश भी सेना की कम संख्या होने पर भी आधुनिक हथियारों से विश्व की बड़ी से बड़ी सेना को रोकने में सक्षम है तथा उसको नुकसान भी पहुंचा सकता है।
सोर्स- divyahimachal