सम्पादकीय

सेना और सुधार

Gulabi
7 Aug 2021 4:07 PM GMT
सेना और सुधार
x
पिछले सप्ताह में मानसून के अलावा ओलंपिक की चर्चा भारत ही नहीं पूरे विश्व में रही

पिछले सप्ताह में मानसून के अलावा ओलंपिक की चर्चा भारत ही नहीं पूरे विश्व में रही। चानु के बाद सिंधु और फिर लवलीना ने मेडल जीत कर भारत के राष्ट्रीय ध्वज को टोक्यो में ऊंचा रखा है। अभी भी लड़कियों को लड़कों से कम समझने वालों की सोच पर यह एक गहरा तमाचा है और यह एक प्रमाण है कि अगर बेटियों को मौका दिया जाएगा तो वे आंख के तारों से कई गुना ज्यादा ऊंचाई पर जाकर सूरज की तरह चमकने का माद्दा रखती हैं। एक तरफ तो बेटियां पूरे विश्व में भारत की अस्मिता की लाज रख रही हैं, दूसरी तरफ हमारे मुल्क हिंदोस्तान की राजधानी इंद्रप्रस्थ में जीवन जीने की शैली के नियम और कानून बताने में अपना एकाधिकार तथा अपने को भगवान का संदेश वाहक बताने वाले पुजारी ने एक नौ साल की बच्ची की अस्मिता लूट कर सूर्यास्त के बाद जला कर हिंदू धर्म का तो अपमान किया ही है, पर मानवता को भी शर्मसार किया है। इस कुकृत्य पर रोष तथा पीडि़त परिवार के साथ सांत्वना तो सब जाहिर कर रहे हैं, पर ऐसे लग रहा है कि चालीस साल बाद हाकी में मिले कांसे की चमक में गुडि़या के इंसाफ की मशाल की लौ मंद पड़ जाएगी। संसद में चल रहा मानसून सत्र हर रोज कुछ समय के लिए स्थगित हो जाता है, जिसमें विपक्ष पैगासस जासूसी, कृषि कानून, महंगाई, बेरोजगारी आदि पर चर्चा करना चाहता है, जबकि सरकार इसके लिए तैयार नहीं है। विपक्षी नेता कभी ट्रैक्टर तो कभी साइकिल पर संसद पहुंच रहे हैं, पर सदन में चर्चा बिलों पर नहीं बल्कि पापड़ी चाट और फिश करी पर हो रही है।

सेना की ओर से एक अच्छी खबर है कि पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच चल रहे विवाद के हल को लेकर हुई बातचीत में दोनों सेनाएं घोघरा हाईट से बिना शर्त हटने को तैयार हो गई हैं। पर बुरी खबर भी आई जब पिछले हफ्ते पठानकोट मामून कैंट से आर्मी एविएशन कोर के हेलीकॉप्टर ध्रुव ने उड़ान भरी तो थोड़ी ही दूरी पर जाकर रणजीत सागर डैम में गिर गया। ध्रुव के क्रैश होने की इस घटना ने मिग-21 की याद दिला दी जिसे सेना में फ्लाइंग कॉफिन के नाम से भी जाना जाता है। इस तरह के पुराने इक्युपमैंट से चिंतित भारतीय सेनाओं के उच्च अधिकारियों ने पिछले सप्ताह एक बैठक की जिसमें थल, जल और वायु सेना के हथियारों की हालत में सुधार कर उनकी क्षमताओं का बेहतर प्रयोग करने पर चर्चा हुई। भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और वायु सेना अध्यक्ष राकेश कुमार भदौरिया के बीच प्रस्तावित सुधारों को लेकर तनातनी हो गई है। मीडिया में खबर आई है कि वायु सेना इन सुधारों से सहमत नहीं है। इसका मुख्य कारण यह भी है जब जनरल रावत ने जुलाई में कहा था कि भारतीय वायु सेना सेनाओं की सहायक शाखा है। भारतीय सेनाओं के ढांचे में आमूल-चूल सुधारों की जरूरत लंबे से अर्से से महसूस की जा रही है। पाकिस्तान और चीन से मौजूद खतरे के चलते अब इन सुधारों का महत्त्व और भी बढ़ गया है। मेरा मानना है कि अमरीकी सेना के अफगानिस्तान से वापस जाने के बाद जिस तरह के साउथ एशिया में हालात तैयार हो रहे हैं, जैसे चीन की पाकिस्तान के साथ बढ़ती दोस्ती तथा हिंद महासागर में बढ़ता दबदबा, आने वाले समय में सेना को आधुनिक तकनीक तथा बेहतर क्षमताओं वाले हथियारों की उपलब्धता करवाने की चेतावनी है।
कर्नल (रि.) मनीष धीमान
स्वतंत्र लेखक
Gulabi

Gulabi

    Next Story