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देश के ज्यादातर क्षेत्रों में भारी बरसात होने की वजह से नदी, नालों के अलावा हर जल स्त्रोत का जल स्तर बढ़ गया है। बरसात के मौसम में सावन के महीने का अपना ही औचित्य है, जिसमें भारत के हर कोने में महादेव की पूजा-आराधना की जाती है। इस महीने शिवलिंग पर दूध, बेलपत्र, फूल आदि चढ़ाकर पूजा करने की मान्यता है। माना जाता है कि महाभारत के समय अर्जुन जिन्हें भगवान श्री कृष्ण, कुंती यानी पृथा का पुत्र पार्थ कहकर संबोधित करते थे, ने महादेव की पूजा करके एक अभेद्य अस्त्र हासिल किया था, जिससे वह विश्व के सर्वश्रेष्ठ व ताकतवर योद्धा बने। आजकल जैसे-जैसे सावन की बरसात की वजह से गंगा और ब्रह्मपुत्र का पानी उफान पर आया, तो बंगाल की खाड़ी का भी जलस्तर बढ़ गया और उसकी तलहटी पर काली माता के चरणों में बसे ममतामयी शहर के कलयुगी पार्थ ने सरस्वती वंदना के एवज में लक्ष्मी अर्पित करने से कुबेर बनकर अभेद्य शक्ति पाने का प्रयास किया, जिसने उसे विधानसभा की ताकतवर कुर्सी से उतार कर व्हीलचेयर पर बैठाकर कारावास में भेज दिया। संसद में चुने तथा मनोनीत सदस्यों ने जीएसटी, महंगाई पर चर्चा करने के लिए आवाज उठाई जिसे संसद की कार्यप्रणाली देख रहे पदासीन अध्यक्ष ने असंसदीय एवं अशोभनीय घोषित करते हुए सस्पेंड कर दिया।
By: divyahimachal
