सम्पादकीय

सेना और मिशन ओलंपिक

Rani Sahu
13 Aug 2021 6:52 PM GMT
सेना और मिशन ओलंपिक
x
पिछला सप्ताह संसद में हो-हल्ले के दौरान भी पक्ष-विपक्ष की सहमति से कुछ बिल पास भी हुए और राज्यसभा में सभापति की अपील के बावजूद पेपर फाड़कर आसन में उछाल कर एक बार फिर लोकतंत्र के मंदिर की गरिमा को तार-तार किया

पिछला सप्ताह संसद में हो-हल्ले के दौरान भी पक्ष-विपक्ष की सहमति से कुछ बिल पास भी हुए और राज्यसभा में सभापति की अपील के बावजूद पेपर फाड़कर आसन में उछाल कर एक बार फिर लोकतंत्र के मंदिर की गरिमा को तार-तार किया। वैक्सीनेशन होने के बावजूद तीसरी लहर के खतरे को भांपते हुए हिमाचल में स्कूल फिर बंद कर दिए गए और किन्नौर के निगुलसुरी की चट्टानें दसियों जिंदगियों को निगल गईं। कृषि कानूनों में बदलाव की मांग को लेकर दिल्ली में किसान संसद चलती रही और कलम एवं कैमरे पर बंदूक की पहरेदारी की बात कही गई। पर इस सबसे जबरदस्त खबर यह थी कि टोक्यो ओलंपिक के समापन तक भारत अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए एक गोल्ड, दो सिल्वर और चार कांस्य पदक जीत कर सात मेडलों की सूची से विश्व में 43वें नंबर पर अपना नाम दर्ज करवा पाया। ओलंपिक योद्धा जब अच्छे प्रदर्शन के बाद भारत लौटे तो हवाई अड्डे पर उनके स्वागत में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा।

हर नेता, अभिनेता ने सोशल मीडिया पर ओलंपिक नायकों के देश को गौरवान्वित करने वाले अच्छे प्रदर्शन पर बधाइयों के तांते लगा दिए। पर हमेशा की तरह इस बार भी हर क्षेत्र में देश का नाम ऊंचा रखने वाली सेना ने अपनी छाप छोड़ी है। टोक्यो ओलंपिक में भारतीय दल के गोल्डन ब्वॉय नीरज चोपड़ा सेना में सूबेदार हैं। मई 2016 में सेना से जुड़ने के बाद भाला फेंक के खिलाड़ी नीरज चोपड़ा को मिशन ओलंपिक विंग के तहत ट्रेनिंग करने के लिए चुना गया था। मिशन ओलंपिक विंग भारतीय सेना की पहल है जिसमें 11 खेलों के प्रतिभावान खिलाडि़यों की पहचान करने के अलावा उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए ट्रेनिंग दी जाती है।
सेना के इस विंग के 5 वर्ग जिसमें रोइंग (नौकायन), मार्क्समैनशिप (निशानेबाजी), घुड़सवारी (सेलिंग), पाल नौकायन और सेना खेल संस्थान (एएसआई) शामिल हैं। एसएसआई (आर्मी स्पोर्ट्स इन्सटीट्यूशन) में सात खेलों के 200 से अधिक खिलाड़ी ट्रेनिंग ले रहे हैं जिसमें तीरंदाजी, एथलेटिक्स, मुक्केबाजी, कुश्ती, भारोत्तोलन, तलवारबाजी और गोताखोरी शामिल हैं, जबकि मार्क्समैनशिप वर्ग के अंतर्गत लगभग 100 निशानेबाज प्रशिक्षण ले रहे हैं। रोइंग, सेलिंग और घुड़सवारी के अंतर्गत भी देश के हर कोने में जाकर प्रतिभावान खिलाडि़यों का चुनाव करके उनको सेना में स्पेशल कोटे के जरिए भर्ती कर ट्रेनिंग दी जा रही है। इस बार टोक्यो ओलंपिक में भारतीय सेना के 16 सैनिक शामिल थे, जैसे एथलेटिक्स में नीरज चोपड़ा, बाक्सिग में अमित पांगल, निशानेबाजी में दीपक कुमार और संजीव राजपूत तथा तीरंदाजी में प्रवीन जाधव आदि। इससे पहले भी मिल्खा सिंह, ध्यान चंद, राज्यवर्धन राठौर, राम सिंह यादव जैसे नाम खेल क्षेत्र में पूरे विश्व में देश का नाम ऊंचा कर चुके हैं। अगर वर्तमान हालात में देश की हर परिस्थिति का आकलन किया जाए तो भारतीय सेना सीमाओं पर देश की पहरेदारी तथा आंतरिक समस्याओं में तो महत्वपूर्ण भूमिका निभाती ही है, पर इसके अलावा खेल में भी पूरे विश्व में देश का नाम ऊंचा करने में कामयाब रही है। हमें अपनी सेना पर गर्व है।
कर्नल (रि.) मनीष धीमान
स्वतंत्र लेखक


Next Story