सम्पादकीय

अर्जेंटीना की जीत

Triveni
20 Dec 2022 4:46 AM GMT
अर्जेंटीना की जीत
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फाइल फोटो 

खेलों के एक सबसे महंगे आयोजन का समापन अर्जेंटीना की जीत के साथ होना बहुत सुखद और प्रेरक है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | खेलों के एक सबसे महंगे आयोजन का समापन अर्जेंटीना की जीत के साथ होना बहुत सुखद और प्रेरक है। आम तौर पर फुटबॉल के मैदान में यूरोपीय देशों का वर्चस्व देखा गया है, लेकिन बीस वर्ष बाद एक दक्षिण अमेरिकी देश की जीत वास्तव में फुटबॉल की जीत है। पिछली बार अर्जेंटीना ने साल 1986 में डियागो माराडोना के नेतृत्व में विश्व कप जीता था और माराडोना के ही एक प्रिय खिलाड़ी लियोनेल मेसी ने कतर में आयोजित फुटबॉल के महासमर में अपने देश का नाम रोशन कर दिया है। यह जीत ऐसी है और इतने लंबे इंतजार के बाद आई है कि वह पूरा देश झूम रहा है, क्रिसमस और नए साल का जश्न अभी से शुरू हो गया है। फुटबॉल के एक महानतम खिलाड़ी डियागो माराडोना को दुनिया से गए दो साल हो गए। पहले खिलाड़ी के रूप में और उसके बाद कोच के रूप में उन्होंने अपने देश को फिर विश्व कप दिलाने के लिए खूब संघर्ष किए। माराडोना कुछ शिकायतों के बावजूद मेसी को उत्तराधिकारी मानते थे। आज लोग कह रहे हैं कि मेसी अनेक मामलों में माराडोना से भी आगे निकल गए हैं। व्यवस्थित जीवन और सहज व्यवहार मेसी को अलग ही श्रेणी में खड़ा कर देता है।

अर्जेंटीना की जीत में मेसी का जितना योगदान है, लगभग उतना ही योगदान गोलकीपर इमिलियानो मार्टिनेज का है, उन्हें भी हमेशा याद किया जाएगा। फाइनल में भी अनेक मुश्किल मौकों पर गोल रोककर मार्टिनेज ने अर्जेंटीना की जीत को मुमकिन बनाया और मेसी के संघर्ष को आसान किया है। साल 2006 विश्व कप से ही मेसी अपने देश की टीम का हिस्सा हैं, उनकी मौजूदगी में साल 2014 में टीम विश्व कप के फाइनल में पहुंचकर जर्मनी के हाथों एक गोल से पराजित हुई थी। साल 2018 में तो अर्जेंटीना का खेल बहुत ही खराब रहा था और यह मान लिया गया था कि मेसी अब अपने देश को विश्व कप नहीं दिला पाएंगे, लेकिन उन्होंने अपने करियर के आखिरी दौर में असंभव को संभव कर दिखाया है। फुटबॉल के युवा खिलाड़ियों को उनसे सीखना चाहिए। इस विश्व कप को एक अन्य खिलाड़ी कियलियन एमबापे के लिए भी याद किया जाएगा, जिन्होंने फाइनल में अकेले तीन गोल करके अर्जेंटीना को तनाव में डाल दिया था। लगभग पौने तीन घंटे चले फाइनल मैच में अंतत: पेनाल्टी शूटआउट से फैसला हुआ, जिसमें फ्रांस 4-2 से हार गया। अभी से तय हो गया है कि एमबापे उत्तरी अमेरिका के तीन देशों (अमेरिका, कनाडा, मैक्सिको) में आयोजित होने वाले आगामी विश्व कप 2026 में सबकी निगाह में रहेंगे।

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