सम्पादकीय

क्या यही हैं अच्छे दिन….

Rani Sahu
30 Nov 2021 6:54 PM GMT
क्या यही हैं अच्छे दिन….
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हमारे देश में लगभग हर राजनीतिक पार्टी वो चाहे सत्ता में हो, विपक्ष में हो या अन्य, चुनाव के समय तो ऐसे लोकलुभावने वादे करते है

हमारे देश में लगभग हर राजनीतिक पार्टी वो चाहे सत्ता में हो, विपक्ष में हो या अन्य, चुनाव के समय तो ऐसे लोकलुभावने वादे करते है कि सत्ता में आते ही इनके पास कोई जादू की छड़ी आ जानी है जिससे पलक झपकते ही हर समस्या का समाधान निकल जाना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले कहा कि सबका साथ, सबका विकास, फिर इसमें जोड़ा गया सबका विश्वास और अब इस बार के स्वतंत्रता दिवस पर इसके साथ जोड़ा सबका प्रयास। इनके दूसरी बार प्रधानमंत्री बनते ही देश वैश्विक महामारी कोरोना की चपेट में आ गया। इसके अलावा सरकार महंगाई पर अंकुश लगाने के लिए शायद गंभीरता से काम नहीं कर रही। इस कारण मध्यम वर्गीय परिवार परेशान हैं। अब तो रसोई गैस के दाम में कुछ महीनों में बेतहाशा वृद्धि हो रही है, क्या ये हैं अच्छे दिन?

-राजेश कुमार चौहान, सुजानपुर टीहरा

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