सम्पादकीय

आत्मनिर्भर भारत का एक और नमूना, 100 करोड़ वैक्सीनेशन करके दुनिया को दिखा दिया ये सदी हमारी है

Shiddhant Shriwas
21 Oct 2021 5:36 AM GMT
आत्मनिर्भर भारत का एक और नमूना, 100 करोड़ वैक्सीनेशन करके दुनिया को दिखा दिया ये सदी हमारी है
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देश ने आज 100 करोड़ यानि 1 बिलियन वैक्सीन की डोज लगाने के अपने टारगेट को पार कर लिया है. भारत सरकार ने इस मौके को खास बनाने के लिए कई कार्यक्रमों के आयोजन की तैयारियां भी की हैं

संयम श्रीवास्तव

वैक्सीनेशन के मामले में भारत ने 100 करोड़ का अद्भुत आंकड़ा पार कर लिया है. 16 जनवरी से शुरू हुआ टीकाकरण अभियान आज अपने चरम स्तर पर है. 9 महीने के बाद भारत ने आज यह आंकड़ा पार किया है. कोरोना महामारी की वजह से भारत ने गंभीर परिस्थितियों का सामना किया. लॉक डाउन की वजह से लाखों की तादाद में मजदूरों का पैदल पलायन हो या फिर लाखों की तादाद में लोगों की मौत. भारत ने इन तमाम भयावह परिस्थितियों को पार कर आज वैक्सीनेशन के मामले में दुनिया के कई देशों को पीछे छोड़ दिया है.

जैसा कि केंद्र सरकार की तरफ से आश्वासन था कि 100 करोड़ का आंकड़ा पार करते ही एक बड़ा जश्न होगा, अब उसकी तैयारी भी शुरू हो चुकी है. इसके साथ ही केंद्र सरकार ने वैक्सीनेशन सॉन्ग भी लॉन्च किया है जो 16 अक्टूबर को कैलाश खेर की आवाज में जारी कर दिया गया था. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया आज लाल किले से गायक कैलाश खेर द्वारा लिखे गए एक गीत और एक फिल्म का शुभारंभ करेंगे. कोरोना महामारी न सिर्फ भारत के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक वैश्विक आपदा बनकर सामने आई थी. क्योंकि बीते 100 वर्षों से इस तरह की महामारी नहीं आई थी. इसलिए दुनियाभर के तमाम बड़े देश भी इससे निपटने के लिए तैयार नहीं थे.
यही वजह थी कि इस महामारी ने दुनिया के उन देशों को भी घुटने पर ला दिया जो अपने आप को सर्वश्रेष्ठ समझते हैं. बल्कि अगर यूं कहें कि उन सर्वश्रेष्ठ देशों- अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी से भारत कोरोना को हराने में और उससे लड़ने में ज्यादा सक्षम साबित हुआ तो गलत नहीं होगा. भारत भले ही आज विकासशील देश है, लेकिन जब दुनिया को कोरोनावायरस से लड़ना हुआ तो सबको भारत की ही याद आई. सबसे पहले भारत ने ही हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन जैसी दवाइयों से कोरोना का इलाज करने की कोशिश की. जिसके बाद पूरी दुनिया ने भारत से इस दवा की मदद मांगी. और जब बात वैक्सीनेशन की आई तब भी भारत ने तेजी से वैक्सीन का उत्पादन कर ना सिर्फ स्वयं को कोरोना से सुरक्षित किया. बल्कि दुनियाभर के तमाम देशों को भी वैक्सीन उपलब्ध कराई.
100 करोड़ तक वैक्सीनेशन का सफर कठिन रहा
100 करोड़ का आंकड़ा हमें जितना बोलने और सुनने में आसान लगता है, असल में उस आंकड़े तक पहुंचना भारत के लिए बहुत कठिन रहा. इस अद्भुत आंकड़े तक पहुंचने में भारत ने कई परेशानियां झेलीं. कई फ्रंटलाइन वर्कर्स की जान चली गई. यहां तक कि उसे वैक्सीन के प्रोडक्शन में भी खूब समस्याएं हुईं. क्योंकि वैक्सीन का उत्पादन करने के लिए भारतीय कंपनियों को विदेशों से कच्चा माल भी नहीं मिल रहा था. हालांकि तमाम समस्याओं से निपटते हुए आज भारत अपने 100 करोड़ देशवासियों को वैक्सीन लगा चुका है. जो अपने आप में अविस्मरणीय है.
भारत की वैक्सीन डिप्लोमेसी की पूरी दुनिया में तारीफ
भारत ने जहां अपने 100 करोड़ नागरिकों को वैक्सीन की डोज दी. वहीं दूसरी ओर अपनी वैक्सीन डिप्लोमेसी के तहत उसने दुनिया के तकरीबन 90 देशों को करीब 6 करोड़ 60 लाख से ज्यादा वैक्सीन की डोज दिए. वैक्सीन डिप्लोमेसी में भारत ने उन देशों को भी पीछे छोड़ दिया जो अपने आप को दुनिया का तथाकथित विकसित और ताकतवर देश बताते हैं. भारत ने ना सिर्फ ब्रिटेन, अमेरिका, सऊदी अरब और कनाडा जैसे बड़े देशों को वैक्सीन उपलब्ध कराई. बल्कि इस वैक्सीन डिप्लोमेसी के तहत भारत ने बांग्लादेश, म्यांमार, नेपाल, भूटान, श्रीलंका, मालदीव और कई अफ्रीकी देशों को भी वैक्सीन उपलब्ध कराई जिनकी कोई मदद करने को आगे नहीं आ रहा था.
यहां तक कि ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो ने कोरोना वैक्सीन के 20 लाख खुराक मिलने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हनुमान जी की एक तस्वीर शेयर करते हुए धन्यवाद भी कहा था. इस तस्वीर में हनुमान जी संजीवनी बूटी लेकर जाते हुए दिख रहे हैं. बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत ने दुनिया के कुल 90 देशों को करीब 6 करोड़ 60 लाख वैक्सीन के डोज दिए हैं.
राज्यों को 100 करोड़ से अधिक डोज पहले ही पहुंचा दी गई थी
केंद्र सरकार द्वारा देश के तमाम राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निशुल्क और राज्य सरकार सीधे खरीद माध्यमों से कोरोनावायरस की 100 करोड़ से अधिक वैक्सीन की डोज पहले ही पहुंचा दी गई थी. यही वजह रही कि वैक्सीनेशन के 100 करोड़ का आंकड़ा पार करने में इतनी जल्दी हो सकी. इसके साथ ही देश में कोरोना जांच के दायरे को भी तेजी से बढ़ाया गया है. पहले जहां 24 घंटे के भीतर एक लाख से दो लाख ही कोरोना के टेस्ट हो पाते थे. आज यह आंकड़ा 10 लाख पार कर चुका है. अब तक देश में 58 करोड़ से ज्यादा कोरोना सैंपल्स की जांच की जा चुकी है. और यह आंकड़ा तेजी से बढ़ता जा रहा है.
फुली वैक्सीनेटेड होने में अभी भी वक्त है
भारत ने भले ही अपने सौ करोड़ नागरिकों को वैक्सीन लगा दी हो. लेकिन जब हम बात करते हैं फुली वैक्सीनेटेड लोगों की तो भारत अभी भी दुनिया भर में 6वें स्थान पर है. जबकि चीन दुनिया में इस लिहाज से नंबर 1 है. उसने अपने 71 फीसदी नागरिकों को वैक्सीन की दोनों डोज दे दी है. वहीं फ्रांस ने भी अपने 67 फीसदी नागरिकों को वैक्सीन की दोनों डोज लगा दी है. जबकि ब्रिटेन में 66 फीसदी, जर्मनी में 66 फीसदी और अमेरिका में 56 फीसदी लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है. हालांकि यह भी पूरी तरह सच है कि दुनिया में अब तक सिर्फ चीन ही था जिसने अपने सौ करोड़ नागरिकों को वैक्सीन लगाई थी. भारत इस लिस्ट में अब दूसरे पायदान पर है.
भव्य आयोजन के साथ सुरक्षा का भी रखना होगा ख्याल
वैक्सीनेशन के सौ करोड़ का आंकड़ा पार करने के बाद जिस तरह का जश्न पूरे हिंदुस्तान में मनाया जा रहा है. वह जायज़ है, भारत ने एक बड़ी सफलता हासिल की है, तो दुनिया को इसके बारे में बताना भी बनता है. शायद इसीलिए रेलवे स्टेशनों और एयरपोर्ट्स और हर उस जगह पर इसकी घोषड़ा हुई जहां से यह बात हर भारतवासी तक पहुंच सके. लेकिन इन सबके बीच हमें यह भी नहीं भूलना चाहिए कि कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है. ऐसे में हमें अब भी उसे लेकर सतर्क रहने की जरूरत है. क्योंकि हमारा अतिउत्साह में उठाया गया कोई भी गलत कदम भारत को कोरोना की तीसरी लहर के नजदीक पहुंचा देगा.


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