सम्पादकीय

एक और देसी टीका

Subhi
23 Aug 2021 1:45 AM GMT
एक और देसी टीका
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कोरोना के खिलाफ लड़ाई के मोर्चे पर एक और महत्वपूर्ण खबर यह आई कि जाइडस कैडिला के तीन खुराकों वाले टीके जाइकोव डी को इमर्जेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई।

कोरोना के खिलाफ लड़ाई के मोर्चे पर एक और महत्वपूर्ण खबर यह आई कि जाइडस कैडिला के तीन खुराकों वाले टीके जाइकोव डी को इमर्जेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई। यह टीका 12 साल से अधिक उम्र वालों के लिए है। 18 साल से ऊपर वालों के लिए देश में इससे पहले तीन टीकों- कोवैक्सीन, कोविशील्ड और स्पूतनिक- को मंजूरी मिली थी। जाइडस का टीका इस लिहाज से महत्वपूर्ण है कि यह बच्चों के साथ बड़ों को भी दिया जा सकता है।

तसल्ली इस बात की भी है कि संभावित तीसरी लहर में बच्चों के ज्यादा शिकार होने संबंधी चिंता को दूर करने में इससे मदद मिलेगी। भले कहा जा रहा हो कि इस चिंता के पीछे कोई ठोस वैज्ञानिक आधार नहीं है, लेकिन यह तथ्य तो अपनी जगह था ही कि हमारे पास बच्चों के लिए कोई टीका उपलब्ध नहीं था। यानी कोई ऐसा साधन नहीं था, जिसके जरिए हम वायरस से अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर आश्वस्त हो पाते। जाइकोव डी के आने से वह कमी दूर होगी। उम्मीद जताई जा रही है कि अक्टूबर तक यह बाजार में आ जाएगा। कंपनी का कहना है कि वह सालाना 10 से 12 करोड़ डोज तक का उत्पादन कर सकेगी।
दुनिया का पहला कोरोना टीका है, जो डीएनए आधारित है। भारत के संदर्भ में इसका एक बड़ा फायदा यह है कि अन्य टीकों की तरह इसे रखने के लिए अत्यधिक ठंडे यानी कम तापमान की जरूरत नहीं पड़ेगी। दो से आठ डिग्री सेल्सियस के तापमान में भी इसे सुरक्षित रखा जा सकता है, जो देश के सामान्य कोल्ड स्टोरेज सिस्टम के अनुरूप है। इसे वायरस के बदलते रूपों के मुताबिक ढालना आसान है। यानी कोरोना वायरस के ताजा खतरनाक रूप डेल्टा वायरस पर तो यह कारगर है ही, संभावित नए रूपों के लिहाज से भी ज्यादा उपयोगी हो सकता है। वहीं, पूरे देश के स्तर पर देखा जाए तो कोरोना के मामले अभी कमोबेश कंट्रोल में नजर आते हैं।
मई के पहले हफ्ते में पीक के दौरान रोज चार लाख से भी ज्यादा नए मामले दर्ज होने के बाद इसमें कमी आनी शुरू हुई थी। यह कम होते हुए अगस्त के शुरुआती हफ्ते में 40,000 रोज के साप्ताहिक औसत पर आ गया था। पिछले सप्ताह तक यह 35,000 से भी नीचे देखा गया। लेकिन इसके ऊपर उठने की आशंका लगातार बनी हुई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक अब तक देश में 12.77 करोड़ लोगों को ही टीके की दोनों डोज लगी हैं। पहला डोज लगवाने वालों की संख्या 44.44 करोड़ है। साफ है कि टीकाकरण में तेजी लाने और नए-नए टीकों का इस्तेमाल करने के साथ-साथ व्यक्तिगत स्तर पर सावधानी बनाए रखने की जरूरत अभी काफी समय तक बनी रहने वाली है।

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