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सम्पादकीय
अनहद नाद का ओम और ब्लैक होल की आवाज, दोनों के बीच के संबंध को लेकर हो रही चर्चाएं
Rounak Dey
24 Aug 2022 10:36 AM GMT

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इसमें टाइम डायलेशन जैसे सिर चकरा देने वाले तथ्य का जिक्र हमें मिलता है।
Nasa Black Hole Sound: अपने लोकप्रिय टीवी सीरीज कॉसमॉस में मशहूर खगोल वैज्ञानिक कार्ल सेगन कहते हैं - हिंदू धर्म एकमात्र ऐसा धर्म है, जिसमें समय के पैमाने आज के आधुनिक वैज्ञानिक खोजों के अनुरूप हैं। इस दौरान कार्ल सेगन आधुनिक विज्ञान की दिशा में ब्रह्मांड के जन्म और कॉस्मिक साइकिल को लेकर हो रही खोजों का संबंध प्राचीन हिंदू पौराणिक कथाओं से जोड़ते हैं।
इस ध्वनि को हमारे ऋषियों ने ऊँ का नाम दिया है। ब्रह्माण्ड का आदि और अंत सब ॐ है। इसके नाद में प्रलय को आमंत्रित करने की क्षमता है एवं ब्रह्माण्ड की किसी भी अन्य वस्तु, प्राणी, ग्रह, आदि से अधिक प्रभावशाली है। हम कहें तो अंधविश्वास, @NASA कहे तो विज्ञान।https://t.co/MDknpSx38m
— Sandeep Mittal, I.P.S.🇮🇳 (@smittal_ips) August 23, 2022
आधुनिक विज्ञान की दिशा में हो रही कई खोजों का संबंध प्राचीन भारतीय एवं पौराणिक इतिहास में उल्लेखित खगोलिय एवं वैज्ञानिक ज्ञान परंपरा के साथ जुड़ा है। आइंस्टीन के सापेक्षतावाद की खोज से पहले जब टाइम डायलेशन और समय की गुत्थियों को लेकर किसी के पास कोई व्यापक समझ नहीं थी। उससे काफी पहले भारतीय वैदिक धर्म ग्रंथों में इस बात का जिक्र कर दिया गया था कि भगवान ब्रह्मा का एक दिन पृथ्वी के 8.6 अरब सालों के बराबर है। इसमें टाइम डायलेशन जैसे सिर चकरा देने वाले तथ्य का जिक्र हमें मिलता है।
प्राचीन वैदिक साहित्य और उसका आज के आधुनिक विज्ञान के साथ काफी गहरा संबंध है। इसी कड़ी में इन दिनों नासा का एक ट्वीट काफी तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें उसने 200 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर पर्सियस गैलेक्सी के ब्लैक होल की आवाज का एक वीडियो रिलीज किया है। इस वीडियो में ब्लैक होल ओम की तरह ध्वनि करता सुनाई दे रहा है।
स्पेस का ज्यादातर भाग निर्वात (वैक्यूम) है। ऐसे में उसमें ध्वनि तरंगें यात्रा नहीं कर पाती हैं। इस कारण ब्लैक होल की आवाज को रिकॉर्ड करना काफी मुश्किल काम है। हालांकि, गैलेक्सी कल्सटर में काफी ज्यादा गैस होने के कारण नासा को इस ब्लैक होल की आवाज को रिकॉर्ड करने में मदद मिली।
आवाज को रिकॉर्ड करने के बाद उसे एम्प्लीफाई और अन्य डाटा के साथ मिश्रण करके जारी किया गया। ब्लैक होल की ध्वनि को कैप्चर करने के लिए नासा ने सोनिफिकेशन नामक एक खास तरह की तकनीक का इस्तेमाल किया है। इससे पहले साल 2019 में नासा ने इवेंट होराइजन टेलीस्कोप की मदद से मेसियर 87 नामक गैलेक्सी के केंद्र में स्थित एक ब्लैक होल की पहली तस्वीर जारी की थी।
सोर्स: अमर उजाला
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