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- अमेरिका सत्यवादी व चीन...
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सन् 2020 को याद रखेगी पीढ़ियां-2 : सत्य और झूठ, राम और रावण की फितरत में मनुष्य व्यवहार कैसे दो रूप लिए हुए है, उसमें इंसान का क्या बनता है और राष्ट्र-राज्य कैसे देवतुल्य या राक्षसी बने होते हैं इसका साक्ष्य वर्ष था सन् 2020! कैसे? सोचें, क्यों वायरस बना, कैसे फैला? जवाब है चीन के वुहान के लाइव पशु बाजार या वहां की प्रयोगशाला में राक्षसी खानपान, व्यवहार से देश के झूठ में, दुष्टता व नीचता में रंगे हुए होने से। इसे चाहें तो मेरा हिंदू, बाह्मणी पूर्वाग्रह मानें लेकिन है तो है! मेरा मानना है कि जीवित पशु-पक्षियों के लाइव पशुबाजार में लोगों की जिंदा जीव के साथ क्रूरता राक्षसी प्रवृत्ति है। चीन का खाना राक्षसी खाना है। जो जैसा खाता है वह वैसे संस्कार लिए होता है। तभी चमगादड़ का लाइव जैविक अंश मनुष्य के शरीर में घुसा और कोविड-19 का विषाणु पैदा हुआ। पहले भी वायरस की महामारियां चीन से सर्वाधिक फैली हैं। बहरहाल सन् 2019 के आखिर में जब नया वायरस पैदा हुआ तो चीन ने क्या व्यवहार किया? अपनी राक्षसी-नीच प्रवृत्ति के संस्कार में वायरस को छुपाया (यह शक अपनी जगह है कि वुहान की प्रयोगशाला में वायरस पर काम हो रहा था)। दुनिया से सच नहीं बोला। लगभग तीन महीने चीन और उसके प्रभाव में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सच्चाई को दबाए रखा। दुनिया उसके झूठ में, बहकावे में तब तक रही जब तक चीन से बाहर वायरस जा नहीं पसरा।