सम्पादकीय

अमेरिका चीन शीत युद्ध

Triveni
15 July 2021 5:38 AM GMT
अमेरिका चीन शीत युद्ध
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आज भारत की स्थिति देश कर सहज ही मन बोझिल हो जाता है। बदतर होती अर्थव्यवस्था और बिगड़ती अंतरराष्ट्रीय छवि के बीच देश में एक बड़ा हिस्सा यह मान कर चल रहा है कि देश सही दिशा में है।

आज भारत की स्थिति देश कर सहज ही मन बोझिल हो जाता है। बदतर होती अर्थव्यवस्था और बिगड़ती अंतरराष्ट्रीय छवि के बीच देश में एक बड़ा हिस्सा यह मान कर चल रहा है कि देश सही दिशा में है। जाहिर है, जब हालात ऐसे हों, तो स्थिति में सुधार की उम्मीद न्यूनतम ही हो सकती है। अब दूसरी तस्वीर देखिए। दुनिया की आर्थिक और तकनीकी रूप से दो सबसे बड़ी ताकतें आज अमेरिका और चीन हैं। उनके बीच शीत युद्ध जैसे हालात हैं, तो इसलिए कि उन दोनों के बीच इन्हीं क्षेत्रों में घोर प्रतिस्पर्धा छिड़ी हुई है। हालत यह है कि उनमें कोई भी यह मान कर नहीं चल रहा है कि उसकी जीत तय है।

गौर कीजिए। हाल ही में ये खबर आई कि अमेरिका के रक्षा विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि उन्नत कंप्यूटिंग के क्षेत्र में अमेरिका चीन से काफी पिछड़ गया है। स्थिति के कारण आगे चल कर अमेरिका के लिए समस्याएं खड़ी हो सकती हैँ। लेकिन विशेषज्ञों ने साथ ही इस पर संतोष भी जताया कि जो बाइडेन के राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिका सरकार ने इस क्षेत्र में खर्च बढ़ाने के बड़े फैसले लिए हैँ। फिर विशेषज्ञों ने ये चेतावनी देना जरूरी समझा कि कई तकनीकों के मामलों में अमेरिका की बढ़त कायम है, लेकिन कई क्षेत्रों में भी चीन ने तेजी से अपनी क्षमता तेजी बढ़ाई है। खास कर कंप्यूटिंग के क्षेत्र मेंमें चीन की बढ़ रही क्षमता पर गौर किया गया है।
गौरतलब है कि कंप्यूटिंग क्षमता बढ़ने के कारण चीन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और उन्नत कंप्यूटिंग के क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर सकता है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने अपने 2022 के बजट में उन्नत कंप्यूटिंग सहित ऐसे कई क्षेत्रों में बजट बढ़ाने का फैसला किया है। इस बजट में 2.3 अरब डॉलर माइक्रो-इलेक्ट्रॉनिक्स, लगभग 40 करोड़ डॉलर 5-जी नेटवर्क, और साढ़े 87 करोड़ डॉलर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए रखे गए हैँ। उधर चीन ने भी इसके जवाब में अपनी कोशिशें तेज कर दी हैं। हाल में चीन में अगली पंचवर्षीय योजना को मंजूरी दी गई। उसमें अनुसंधन और विकास पर खर्च में सात प्रतिशत की बढ़ोतरी का फैसला किया गया। चीन ने सेमीकंडक्टर्स, क्वांटम कंप्यूटिंग, और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विकास को खास प्राथमिकता दी है। अब भारत पर ध्यान दीजिए। वह इस होड़ में कहां खड़ा मिलेगा?


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