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- लोकसभा में डंके की चोट...
धन्य हैं नरेंद्र मोदी! आखिर कुछ भी हो, जो बात भारत की संसद में किसी प्रधानमंत्री ने नहीं कहीं उसे नरेंद्र मोदी ने डंके की चोट कहा। तभी यह कहना भी सही है कि मोदी से पहले भला प्रधानमंत्री कहां था? मतलब भारत राष्ट्र-राज्य का पहला, सच्चा, मर्द प्रधानमंत्री यदि कोई है तो वह नरेंद्र मोदी है। भारतीय संसद के इतिहास में पहली बार खरबपतियों की, प्राइवेट सेक्टर की संसद में वाहवाही हुई। जनसंघ-भाजपा-संघ की एकात्म मानवतावादी विचारधारा के जनक पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 53वीं पुण्यतिथि के दिन नरेंद्र मोदी ने सबको संदेश दिया कि देश का भविष्य अंबानी-अडानियों से है। देश के लिए वेल्थ क्रिएटर्स (खरबपति) जरूरी हैं। निजी क्षेत्र के खिलाफ अनुचित शब्दों का इस्तेमाल, उनके टेलीकॉम टॉवर या प्रतिष्ठानों को निशाना बनाना गलत है। इससे अतीत में भले कुछ लोगों को वोट मिल सकते थे, लेकिन अब वह समय नहीं। अब समय है निजीकरण का, प्राइवेट सेक्टर की बड़ी भूमिका का। कोई भी सेक्टर ले लीजिए- चाहे टेलीकॉम, फ़ार्मा या कोई अन्य- हर जगह हमने प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी देखी है और इनमें यदि भारत मानवता की सेवा करने में सक्षम हो पाया है, तो उसमें प्राइवेट सेक्टर की बड़ी भूमिका है!