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- एलआईसी बेचने के सारे...
भारतीय जीवन बीमा निगम यानी एलआईसी ऑफ इंडिया को बेचने के सारे तर्क फालतू हैं, सिवाए इसके कि सरकार को अपना वित्तीय घाटा कम करने और जरूरी काम चलाने के लिए पैसे की जरूरत है। वित्त मंत्री चाहे कुछ भी कहें असलियत यह है कि कोरोना वायरस के संक्रमण के दौर में विकास दर गिरी तो सरकार का राजस्व कम हुआ, खर्च में उस अनुपात में कमी नहीं हो सकी, जिसका नतीजा यह हुआ कि वित्तीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी के साढ़े नौ फीसदी के बराबर हो गया। सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 में सरकारी कंपनियों को बेच कर दो लाख 10 हजार करोड़ रुपए कमाने का लक्ष्य रखा था पर कोरोना की वजह से उसे अपना लक्ष्य घटा कर 60 हजार करोड़ किया पर उसमें से भी सिर्फ 19 हजार करोड़ रुपए की कमाई हुई। सो, उस लक्ष्य में से 40 हजार करोड़ बचे रह गए और अगले वित्त वर्ष यानी 2021-22 में एक लाख 75 हजार करोड़ रुपए का लक्ष्य रखा गया है।