- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- संभावनाओं भरी सर्वदलीय...
भूपेंद्र सिंह | जम्मू-कश्मीर के नेताओं के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आज होने वाली बैठक का एजेंडा राज्य के मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य पर व्यापक चर्चा बताया जा रहा है, लेकिन इस बैठक में जम्मू-कश्मीर के भविष्य को लेकर भी विचार-विमर्श संभव है। यह बैठक जम्मू-कश्मीर में विकास योजनाओं के कार्यान्वयन, राजनीतिक-प्रक्रिया शुरू करने और उसके पूर्ण राज्य के दर्जे की बहाली में मील का पत्थर साबित हो सकती है। इसके लिए परिसीमन प्रक्रिया को पूर्ण करने के अलावा यथाशीघ्र विधानसभा चुनाव कराने पर भी बातचीत संभव है। फरवरी 2020 में केंद्र सरकार ने जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में परिसीमन आयोग का गठन किया था, लेकिन गुपकार गठजोड़ के नेता इस प्रक्रिया में भागीदारी नहीं कर रहे थे। हाल में नेशनल कांफ्रेंस ने अपने रुख में बदलाव करते हुए परिसीमन प्रक्रिया में भागीदारी का निर्णय लिया। उम्मीद है कि इस बैठक के बाद अन्य दल भी इस प्रकिया में शामिल होकर इसे सर्वस्वीकृत एवं औचित्यपूर्ण बनाने में सहयोग करेंगे। जम्मू-कश्मीर की विधानसभा में कुल 111 सीटें थीं, जिनमें से 87 सीटें जम्मू-कश्मीर प्रदेश (जम्मू-37, कश्मीर-46, लदाख-4) के लिए और 24 सीटें गुलाम कश्मीर के लिए थीं। नए परिसीमन के बाद लद्दाख की 4 सीटें कम होने और जम्मू क्षेत्र की 7 सीटें बढ़ने के बाद केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में 90 सीटें हो जाएंगी। इससे लंबे समय से भेदभाव के शिकार रहे जम्मू क्षेत्र के साथ न्याय होगा और अभी तक कश्मीर केंद्रित रही राज्य की राजनीति कुछ हद तक संतुलित हो जाएगी।