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- बंटवारे के गुनहगार...
राजीव सचान। उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव करीब आ गए हैं, इसका एक प्रमाण सपा नेता अखिलेश यादव की ओर से दिया गया यह बयान भी है कि महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू, सरदार पटेल और मुहम्मद अली जिन्ना एक ही संस्था में पढ़कर बैरिस्टर बने और फिर उन्होंने देश को आजादी दिलाई। इसका मतलब यही निकलता है कि आजादी में जितना योगदान गांधी, नेहरू, पटेल का था, उतना ही जिन्ना का भी। यह स्वीकार्य नहीं हो सकता, क्योंकि जिन्ना देश विभाजन के सबसे बड़े खलनायक थे। उन्होंने ही विभाजन के पहले 1946 में देश को डराने के लिए डायरेक्ट एक्शन डे यानी सीधी कार्रवाई का एलान किया था, जिसमें बंगाल में हजारों हिंदुओं को मौत के घाट उतार दिया गया था। चूंकि तब बंगाल में मुस्लिम लीग का शासन था और मुख्यमंत्री थे जिन्ना के करीबी हुसैन सुहरावर्दी, इसलिए उन्होंने दंगाइयों को खुली छूट देने के लिए 16 अगस्त को छुट्टी कर दी। नतीजा यह हुआ कि दंगाइयों ने जमकर कत्लेआम मचाया। अंग्रेजी सत्ता की हिंसा रोकने की अनिच्छा के कारण भी कलकत्ता और आसपास हिंसा, हत्या, दुष्कर्म और लूट का भीषण नंगा नाच 16 अगस्त से लेकर 20 अगस्त तक चला। इस भयावह हिंसा से देश हिल गया और विभाजन को टालना मुश्किल माना जाने लगा। आखिरकार ऐसा ही हुआ।