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सिद्धांतों से समझौता संभव नहीं: पाकिस्तान से वार्ता द्विपक्षीय स्तर पर ही हो सकती तीसरे पक्ष के लिए कोई गुंजाइश नहीं
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | संजय-पोखरियाल [ एमजे अकबर ]: अमेरिका में संयुक्त अरब अमीरात यानी यूएई के राजदूत यूसुफ अल ओतेबा ने बीते दिनों एक बड़ा दावा किया। स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित एक वर्चुअल कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि उनका देश भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता कर रहा है। यह बात कुछ अजीब इसलिए थी, क्योंकि उनसे इस बारे में कोई सवाल ही नहीं किया गया था। उनसे पूछा गया था कि क्या उनका देश अफगान शांति प्रक्रिया में पाकिस्तान को और उपयोगी बनाने के लिए उसे समझाने का प्रयास करेगा? इसके जवाब में उन्होंने खुद ही भारत और पाकिस्तान को लेकर यह टिप्पणी की। स्पष्ट है कि ओतेबा कूटनीति की पिच का अपने मुताबिक इस्तेमाल कर रहे थे, क्योंकि यह एकदम स्पष्ट है कि भारत, पाकिस्तान और यूएई के बीच कोई त्रिपक्षीय वार्ता नहीं हो रही है। इसका अर्थ यह नहीं कि भारत और पाकिस्तान एक दूसरे के बिल्कुल संपर्क में ही नहीं हैं। विशेषकर तब जब दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव घटाने को लेकर, जो इन परमाणु शक्तियों के बीच नागरिक सीमा न रहकर सैन्य सीमा बन गई है। इसीलिए दोनों देशों के सैन्य अभियानों के महानिदेशक तनाव घटाने की संभावनाओं को तलाशने के लिए एक दूसरे के संपर्क में रहते हैं। यह सब उनकी जानकारी के बिना संभव नहीं है, जिन पर राष्ट्रीय सुरक्षा का दारोमदार है।