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- भ्रष्टाचार के विरुद्ध
Written by जनसत्ता: पंजाब के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद भगवंत मान ने जिस तरह राज्य में भ्रष्टाचार पर काबू पाने के लिए कुछ नई घोषणाएं की हैं, अगर धरातल पर उनका सचमुच असर दिखा, तो यह उनकी बड़ी उपलब्धि होगी। यों भी भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई आम आदमी पार्टी का शुरू से एक अहम एजंडा रहा है और अपनी स्थापना के बाद दिल्ली या अपनी चुनावी भागीदारी वाले अन्य राज्यों में उसने इसे ही प्रमुख मुद्दा बनाया।
खासतौर पर दिल्ली में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर ही इसने विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की और बाद के दिनों में इस समस्या पर बहुत हद तक काबू पाने का दावा भी किया। इस मुद्दे के प्रति आम लोगों का आकर्षण और इसके जरिए मिली चुनावी जीत से ही उत्साहित आम आदमी पार्टी ने पंजाब में भी इस मसले पर प्रयोग करने की मंशा जाहिर की है। खुद मान ने राज्य की जनता से कहा है कि अगर उन्हें कहीं भी सरकारी महकमों में कर्मचारियों या अधिकारियों के भ्रष्ट आचरण का सामना करना पड़ता है तो वे सीधे मुख्यमंत्री के दिए गए नंबर पर उसके आडियो या वीडियो सबूत भेजें। इसके बाद जरूरी कार्रवाई की जाएगी।
निश्चित तौर पर इस तरह की घोषणा से पंजाब में एक बड़ा संदेश गया है कि राज्य की नई सरकार सत्ता तंत्र में गहरे पैठी एक बेहद गंभीर समस्या से निपटने की बात कर रही है। अब तक आमतौर पर होता यही आया है कि कोई भी सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों को नहीं बख्शने की बात तो करती है, लेकिन हकीकत में कोई ऐसा कदम उठाया नहीं जाता। अब पंजाब में भगवंत मान ने भ्रष्टाचार की शिकायत दर्ज करने के लिए सीधे मुख्यमंत्री के नंबर पर शिकायत भेजने की बात कही है तो इसे एक बड़ा और अहम कदम माना जा रहा है।
लेकिन सवाल है कि क्या भ्रष्टाचार किसी खास शैली या स्वरूप में रूढ़ होता है कि उस पर सिर्फ कुछ लोकप्रिय घोषणाएं करके काबू पा लिया जा सकता है! जमीनी स्तर पर सरकारी महकमों में भ्रष्टाचार जिस जटिल संरचना में चलता रहता है, उससे निपटने के लिए अपने आप में एक विशेष और ईमानदार तंत्र की जरूरत पड़ती है। आखिर शिकायतों पर कार्रवाई करने वाले भी सत्ता तंत्र का ही हिस्सा होते हैं। पंजाब में भ्रष्ट लोकसेवकों की नेताओं के साथ मिलीभगत के आरोप लंबे समय से लगते रहे हैं और चुनावों में भी यह एक बड़ा मुद्दा रहा है। करीब तीन साल पहले एक स्वतंत्र सर्वेक्षण में यह तथ्य सामने आया था कि देश के सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार से ग्रस्त राज्यों में पंजाब का स्थान छठा है।
ऐसे में भगवंत मान के सामने राज्य में भ्रष्टाचार से लड़ाई एक बड़ी चुनौती है। लेकिन सच यह है कि भ्रष्टाचार कोई ऐसा मुद्दा नहीं है, जिसका कोई एक स्तर हो और उसे एक झटके से निपटा जा सकता है। फिर भी अगर शुरुआत के तौर पर आम आदमी पार्टी की सरकार ने पंजाब में इस मुद्दे पर आक्रामक रुख अख्तियार किया है तो इससे राज्य के लोगों को इस समस्या के खत्म होने की उम्मीद जरूर बंधेगी। हालांकि यह भी देखने की बात होगी कि परंपरागत तौर पर जिस तरह सरकारें लोकप्रिय घोषणाएं करती रही हैं और उनके हकीकत में तब्दील होने को लेकर उदासीन रही हैं, उससे अलग पंजाब में नई सरकार का कैसा चेहरा सामने आता है। सब कुछ इस पर निर्भर करेगा कि राज्य की नई सरकार अपने वादों और घोषणाओं को लेकर कितनी मजबूत इच्छाशक्ति रखती है।