- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- तालिबान के शिकंजे में...
विवेक काटजू: अफगानिस्तान में जमीनी हालात तेजी से बदल रहे हैं। हाल में तालिबान ने देश के कई इलाकों पर अपना शिकंजा और कसा है। उत्तर पूर्व, उत्तरी और पश्चिमी इलाकों में उसकी पैठ और मजबूत हुई है। अफगान सरकार भले ही यह दावा करे कि सुरक्षा स्थिति अभी भी उसके नियंत्रण में है, लेकिन तथ्य कुछ और ही कहानी बयान करते हैं। कंधार की सुरक्षा स्थिति भी खराब है। इसे देखते हुए भारत ने वहां स्थित अपने वाणिज्य दूतावास के भारतीय कर्मियों को गत सप्ताह वापस बुलाने का फैसला किया। यह बिल्कुल सही था, क्योंकि इन कर्मियों को खतरे में नहीं झोंका जा सकता था। गत वर्ष भी भारत ने जलालाबाद और हेरात स्थित अपने वाणिज्य दूतावास बंद किए थे। उसके पीछे आधिकारिक वजह कोरोना महामारी को बताया गया था, लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं कि सरकार को आभास हुआ कि ये दोनों अफगान शहर भारतीय स्टाफ के लिए असुरक्षित हो गए हैं। इन वाणिज्य दूतावास बंद करने से जहां भारतीय हितों को आघात पहुंचा वहीं पाकिस्तान को संतुष्टि मिली। पाकिस्तान ने हमेशा ये मिथ्या आरोप लगाए हैं कि अफगान स्थित इन प्रतिनिधि कार्यालयों का उपयोग भारत उसके लिए समस्याएं उत्पन्न करने में करता रहा है।