- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- अफगान शांति वार्ता और...
भारत अफगानिस्तान के नवनिर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं भारत ने अपने हाथ में ले रखी हैं। अफगानिस्तान में तालिबान से शांति वार्ता चल रही है। पहले तो भारत तालिबान से वार्ता में शामिल नहीं होना चाहता था क्योंकि कंधार विमान अपहरण कांड में तालिबान की भूमिका के चलते संबंधों में तल्खी महसूस की जा रही थी। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के वक्त पर शुरू की गई अफगान शांति प्रक्रिया में भारत की उतनी भूमिका नहीं थी। अब नए बाइडेन प्रशासन के आने के बाद अमेरिका का फोक्स इस बात पर है कि अफगानिस्तान में चल रही शांति प्रक्रिया में पड़ोसी देश काे भी तरजीह दी जाए ताकि शांति समझौता टिकाऊ हो और लम्बे समय तक चले। ट्रंप शासनकाल में अफगान सरकार और तालिबान में समझौते होने के बावजूद उसने हिंसा में कोई कमी नहीं की। तालिबान ने समझौते का पालन नहीं किया। ऐसे में तालिबान को ज्यादा महत्व नहीं दिया जाना भारत के लिए फायदेमंद है। पिछली बार की बातचीत में तालिबान बड़ी भूमिका में था लेकिन अब बाइडेन प्रशासन ने दूसरे देशों को भी भागीदार बनाया है। भारत के साथ-साथ ईरान, रूस को भी शामिल किया गया है।