- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- रोमांच का फुटबॉल
फाइल फोटो
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | कई पश्चिमी देशों के तमाम विरोध के बावजूद एशियाई देश कतर ने फीफा के तत्वावधान में फुटबॉल विश्व कप का सफल व गरिमामय आयोजन कर विकसित देशों को करारा जवाब दिया। यह आयोजन तमाम शुरुआती उलटफेर के अलावा बेहद रोमांचकारी फाइनल मैच के लिये याद किया जायेगा। तेज होती सांसों और बढ़ती धड़कनों के बीच फाइनल की रात अर्जेंटीना के चोटी के खिलाड़ी मेसी और फ्रांस के एमबापे के बीच शानदार खेल की जंग के रूप में याद की जायेगी। मेसी के लिये यह जीवन-मरण का प्रश्न था क्योंकि तमाम ख्याति और उपलब्धियों के बावजूद वे अब तक अपनी टीम को विश्वकप का खिताब नहीं दिला पाये थे। यूं उनकी तुलना दुनिया के बेहतरीन फुटबॉलरों पेले और मारोडोना से होती रही है, लेकिन विश्वकप न जीत पाने से उनकी उपलब्धि फीकी नजर आती थी। यह उनका आखिरी विश्वकप बताया जा रहा था। बहरहाल रविवार को कतर के लुसैल स्टेडियम में जो उम्दा खेल देखा गया, उसे देखकर तमाम दिग्गजों ने कहा कि इतना रोमांचक फाइनल पहले कभी नहीं देखा। बहरहाल, कतर-22 विश्वकप जहां मेसी के सपनों को साकार करने वाला था, वहीं फ्रांस का लगातार दूसरी बार विश्वकप जीतने का सपना तोड़ने वाला। एमबापे के उम्दा खेल के बावजूद अर्जेंटीना को कामयाबी मिली। गोल्डन बूट हासिल करने के बावजूद हार से दुखी एमबापे को ढाढ़स बंधाने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को मैदान में उतरना पड़ा। बहरहाल सांसें थामने वाले इस फाइनल मैच में बेहतरीन फुटबाॅल का खेल देखने को मिला। सत्तर मिनट तक एकतरफा नजर आने वाला फाइनल मैच बाद में लगातार नये रोमांच पैदा करता चला गया। मैच के दौरान अस्सीवें मिनट में पहला तथा दो मिनट बाद दूसरा तथा अतिरिक्त समय में तीसरा गोल करने वाले फ्रांस के बेहतरीन खिलाड़ी एमबापे का करिश्मा भी अर्जेंटीना को विश्वकप जीतने से वंचित न कर सका। यह संयोग ही है कि जहां अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनसआयर्स की सड़कों पर लोग दस नंबर की जर्सी के साथ झूम रहे थे, वहीं पेरिस में एमबापे की दस नंबर की जर्सी के साथ प्रशंसक उन्माद में थे। बस दोनों जर्सियों का रंग अलग था।