धर्म-अध्यात्म

गरुड़ पुराण के अनुसार हर व्यक्ति को करने चाहिए ये 5 काम

Tara Tandi
9 Oct 2021 4:57 AM GMT
गरुड़ पुराण के अनुसार हर व्यक्ति को करने चाहिए ये 5 काम
x
सनातन धर्म में 18 पुराणों का जिक्र किया गया है.

सनातन धर्म में 18 पुराणों का जिक्र किया गया है. गरुड़ पुराण इन 18 पुराणों में से एक है, जो व्यक्ति को जप, तप, ज्ञान, वैराग्य, सदाचार, भक्ति, निष्काम कर्म की महिमा के साथ यज्ञ, दान, तप, तीर्थ आदि के महत्व के बारे में बताता है. साथ ही जीवन में कौन से कर्म धर्म संगत हैं और कौन से नहीं, इस बारे में भी बताता है.

इतना ही नहीं, गरुड़ पुराण में मृत्यु के समय प्राण निकलने की स्थिति से लेकर आत्मा द्वारा यमलोक की यात्रा का भी बखान किया गया है. इन सब का उद्देश्य सिर्फ इतना है, कि व्यक्ति सही और गलत का अंतर करना सीखे और धर्म की राह पर चलकर अपने जीवन को बेहतर बनाए और मृत्यु के बाद भी सद्गति प्राप्त करे. यहां जानिए गरुड़ पुराण में बताए गए ऐसे 5 कामों के बारे में जो व्यक्ति के जीवन को दुखों से दूर रखते हैं.

हर व्यक्ति को करने चाहिए ये 5 काम

कुलदेवता का पूजन

गरुड़ पुराण के अनुसार कुल देवताओं के प्रसन्न होने से आपकी 7 पीढ़ियां खुशहाल जीवन व्यतीत कर सकती हैं. इसलिए कभी भी अपने कुलदेवता का अनादर न करें. विशेष तिथियों पर इनकी पूजा जरूर करें.

ग्रंथ पढ़ें

ग्रंथ हमेशा व्यक्ति को अधर्म की राह पर चलने से रोकने का काम करते हैं और उसे सही राह दिखाते हैं. यदि राह सही होगी, तो भविष्य भी अच्छा ही होगा. इसलिए रोजाना कुछ देर ग्रंथ जरूर पढ़ें.

अन्नदान करें

अन्नदान को महादान माना गया है. जो व्यक्ति नि:स्वार्थ भाव से अन्नदान करता है, उसे देवताओंं के अलावा अपने पितरों से आशीर्वाद प्राप्त होता है. ऐसे परिवार की सात पीढ़ियां भी सुखी जीवन बिताती हैं.

भगवान को भोग लगाना

कोई भी चीज यदि भगवान को अर्पित करके खाई जाए तो वो प्रसाद बन जाती है. इसलिए रोजाना भोजन आदि सभी चीजों का भोग भगवान को जरूर लगाएं. इससे घर में कभी अन्न की बर्बादी नहीं होगी. साथ ही माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी और घर में हमेशा सुख समृद्धि रहेगी.

चिंतन करें

चिंता को चिता के समान माना गया है, लेकिन चिंतन को अच्छा माना गया है. चिंतन करने से आप वर्तमान में जीते हुए भविष्य की सटीक रणनीति बना सकते हैं और आने वाली चुनौतियों का सामना आसानी से कर सकते हैं. चिंतन से आपका मन शांत होता है.

(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

Next Story