सम्पादकीय

आप के खास: बदलाव के वाहकों पर जताया भरोसा

Gulabi Jagat
21 March 2022 5:41 AM GMT
आप के खास: बदलाव के वाहकों पर जताया भरोसा
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ओपिनियन
सामान्यत: किसी नई सरकार के मंत्रिमंडल गठन की प्राथमिकता यही होती है कि समाज के सभी वर्गों को न्यायसंगत प्रतिनिधित्व मिले। मगर राजनीतिक दल क्षेत्रीय समीकरण साधने व दूरगामी राजनीतिक लक्ष्यों को ध्यान में रखकर ही इसे अंतिम रूप देते हैं जो अक्सर जनसरोकारों की प्रतिबद्धता नीति का अतिक्रमण करता नजर आता है। देश की राजनीति में कांग्रेस व भाजपा जैसे परंपरागत राजनीतिक दलों का विकल्प बनने का दावा करने वाली आम आदमी पार्टी ने सदा ही प्रतीकों की राजनीति को तरजीह दी है। दिखाने का प्रयास किया है कि यह पार्टी अपने एजेंडे में अन्य से अलग है। यह भी कि वह आम आदमी के आम हितों को लेकर प्रतिबद्ध है। कुछ ऐसा ही शनिवार को भगवंत मान सरकार के मंत्रिमंडल गठन में नजर आया। फिलहाल मंत्रिमंडल में दस कैबिनेट स्तर के मंत्रियों को शामिल किया गया है। यूं तो आप हाईकमान ने जातीय समीकरणों को साधते हुए दस मंत्रियों में चार जट सिख, चार दलित समुदाय व दो हिंदू समुदाय के विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल किया है, लेकिन अच्छी बात यह भी है कि समाज के पेशागत चेहरों को भी तरजीह दी गई है।
दस में से छह विधायक ग्रेजुएट हैं, जिनमें तीन वकील, दो डॉक्टर, एक इंजीनियर, एक किसान, एक बिजनेसमैन व एक समाजसेवी को मंत्रिमंडल में जगह दी गई। जहां एक ओर लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पढ़े विधायक हैं तो एक इंजीनियर भी है। वहीं एकमात्र महिला विधायक डॉ. बलजीत कौर नेत्र विशेषज्ञ हैं। बहरहाल, भगवंत मान की टीम में दो विधायक ऐसे हैं जो दूसरी बार विधायक बने, बाकी आठ चेहरे नये हैं। संगरूर की दिड़बा सीट से दूसरी बार जीतने वाले हरपाल चीमा पेशे से वकील हैं। चीमा पिछली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे हैं। अच्छी बात यह है कि अधिकांश मंत्री आम परिवारों से हैं और करोड़पति होने के टैग से मुक्त हैं। मानसा सीट से जीतने वाले डेंटल सर्जन डॉ. विजय सिंगला करोड़पति विधायकों में शामिल थे। मंत्रिमंडल की एक खासियत यह भी है कि भोआ विधानसभा सीट से जीतने वाले लालचंद एक श्रमिक के बेटे हैं और उनके नाम कोई अचल संपत्ति नहीं है।
यह भारतीय लोकतंत्र की खूबसूरती है कि एक सामान्य व्यक्ति भी मंत्री बन सकता है। वहीं दूसरी ओर अजनाला विधानसभा क्षेत्र से जीतने वाले सर्वाधिक उम्र के कुलदीप सिंह पेशे से किसान हैं। इसी तरह पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के सगे भाई के पौत्र और ऑटोमोबाइल इंजीनियर कुलतार संधवां को विधानसभा का स्पीकर बनाया गया है। वे दूसरी बार विधायक बने हैं। हालांकि अभी सात मंत्री मान मंत्रिमंडल में शामिल किये जा सकते हैं, लेकिन फिलहाल दोआबा से एक, माझा से चार तो मालवा क्षेत्र से पांच विधायकों को मंत्री पद दिया गया है। चौंकाने वाली बात यह है कि कई दिग्गज नेताओं व पूर्व मुख्यमंत्रियों को हराने वाले विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है। वहीं रिकॉर्ड वोटों से चुनाव जीतने वाले अमन अरोड़ा को मंत्री न बनाये जाने के फैसले ने चौंकाया है।
दैनिकट्रिब्यून के सौजन्य से सम्पादकीय
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