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कानून पास कराने से पहले संसद में इस पर लंबी-चौड़ी बहस हुई
न्यूरोटेक्नोलॉजी के बारे में दुनिया में पहली बार कहीं कोई कानून पास हुआ है। विशेषज्ञ इस कानून को अहम मान रहे हैं, क्योंकि यह भविष्य में मानवाधिकारों की रक्षा का आधार बन सकता है। न्यूरोटेक्नोलॉजी के बढ़ते इस्तेमाल ने इस कानून को अहमियत दी है। इस पर व्यापक चर्चा की जरूरत है। neuro rights law chile
जब निजता के अधिकार को लेकर सारी दुनिया में बहस चल रही है, तब चिली ने इस दिशा में एक ऐसा कदम उठाया है, जो दूसरे देशों के लिए भी मिसाल बन सकता है। इन दिनों चिली में नया संविधान बनाने की प्रक्रिया चल रही है। उसके तहत वहां कुछ अभिनव प्रयोग हो रहे हैँ। उसी सिलसिले में चिली ने ये नया कानून पास किया है। इसके तहत किसी व्यक्ति की मानसिक निजता और उसकी इच्छा उसका अधिकार होगी। इस कानून के जरिए न्यूरोटेक्नोलॉजी के जरिए किसी व्यक्ति को नियंत्रित करके कुछ करवाना अपराध बना दिया गया है। न्यूरोटेक्नोलॉजी के बारे में दुनिया में पहली बार कहीं कोई कानून पास हुआ है। विशेषज्ञ इस कानून को अहम मान रहे हैं, क्योंकि यह भविष्य में मानवाधिकारों की रक्षा का आधार बन सकता है। न्यूरोटेक्नोलॉजी के बढ़ते इस्तेमाल ने इस कानून को अहमियत दी है।
कानून पास कराने से पहले संसद में इस पर लंबी-चौड़ी बहस हुई। इस कानून के समर्थकों ने कहा कि इसका मकसद इंसान के आखरी मोर्चे- यानी उसकी सोच की रक्षा करना है। उन्होंने कहा कि अगर न्यूरोटेक्नोलॉजी को नियमित नहीं किया गया तो यह मनुष्य की स्वायत्तता और सोचने की आजादी के लिए खतरा बन सकती है। अगर यह तकनीक आपके सोचने से पहले ही (आपके दिमाग को) पढ़ने में कामयाब हो जाती है, तो यह ऐसी भावनाएं पैदा कर सकती है जो आपकी जिंदगी में हैं ही नहीं। इसी समझ के साथ चिली में नया कानून बना है। कहा जा सकता है कि इस कानून के जरिए चिली न्यूरोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में हो रहे आधुनिक तकनीकी विकास के मोर्चे पर अग्रणी भूमिका में आ गया है। जानकारों के मुताबिक न्यूरोटेक्नोलॉजी का इतना विकास हो चुका है कि कि शोधकर्ता चूहों के मस्तिष्क में ऐसी चीजों की छवियां प्लांट करने में सफल हो चुके हैं, जिन्होंने उन्हें पहले कभी नहीं देखा था। इन छवियों ने चूहों के व्यवहार को प्रभावित किया। इस तरह की तकनीक जाहिर है, चिंता का विषय भी है। इनका इस्तेमाल लोगों के मस्तिष्क में चल रही सोच को पढ़ने और उसे बदलने के लिए किया जा सकता है। इसलिए यह कानून यह सुनिश्चित करता है कि वैज्ञानिक और तकनीकी विकास लोगों की भलाई के लिए हो और शोध करते वक्त मानव जीवन के साथ साथ मानव की शारीरिक व मानसिक निष्ठा का सम्मान किया जाए।
नया इण्डिया
Gulabi
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