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- सौ रेटों की एक बात
हालांकि जोखू के पास सेकेंड हैंड साइकिल के सिवाय पर्सनल व्हीकल के नाम पर और कुछ नहीं। हां! कभी कभार कोई गाड़ी वाला अपनी गाड़ी में बिठा उसे अपने घर काम करने जरूर ले जाता है। उसे मधुमेह है। खानदानी। इसलिए चीनी भी नहीं खाता। ऐसा उसकी जिंदगी में कुछ नहीं जिसके महंगे या सस्ते होने से उसकी जेब पर कोई खास फर्क पड़े। पर बावजूद इस सबके पता नहीं उसे पिछले कुछ दिनों से रात को सोने के बाद सपनों में अजीब-अजीब से बंदे रूपी देवता सपने में दिखाई देते हैं, उसे सांत्वना देते हुए, उसे समझाते हुए। सपनों में बंदों की इसी देखा देखी में उसे कल कभी आगे न पीछे देखे डीजल पेट्रोल देव दिखाई दिए। उस वक्त वह पता नहीं क्यों सपने में पकड़ो! पकड़ो! पेट्रोल! पेट्रोल! चिल्ला रहा था इतनी तेजी से कि जितना वे भी नहीं चिल्ला रहे जिनकी खाली टंकियों वाली गाडि़यों से आजकल पेट्रोल चोरने वाला गिरोह घर-घर सक्रिय है। उसे सपने में लग रहा था ज्यों कोई उसकी साइकिल के टायर के बदले उसमें लगी टंकी से पेट्रोल चुरा रहा हो। उसकी बेहूदी आवाज सुन पुलिस के बदले डीजल पेट्रोल देवता ने दर्शन दिए तो जोखू सपने में ही चौंका। 'क्या बात है जोखू? दिन को तो चौक चौक चिल्लाते ही रहते हो पर अब सोए सोए भी चैन नहीं?' 'आप कौन महाराज!' जोखू ने सपने में ही हाथ टांग सब जोड़ते कहा तो डीजल पेट्रोल देवता अपनी इंट्रो देते बोले, 'मैं इस देश का इकलौता डीजल पेट्रोल देव हूं।' 'डीजल पेट्रोल देवता जी महाराज की जय! महाराज!