- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- एक क्वांटम छलांग
x
क्वांटम तकनीक पर शोध एवं अनुसंधान चल रहा है.
भारत सरकार ने क्वांटम तकनीक में शोध के लिए एक राष्ट्रीय मिशन के गठन का निर्णय लिया है. विज्ञान एवं तकनीकी विभाग के तहत स्थापित होने वाले क्वांटम मिशन के लिए आठ वर्षों की कार्ययोजना बनायी गयी है तथा इस पहल पर छह हजार करोड़ रुपये से अधिक के खर्च की संभावना है. उल्लेखनीय है कि दुनिया में अभी तक केवल छह देशों- अमेरिका, चीन, ऑस्ट्रिया, फिनलैंड, फ्रांस और कनाडा- में ही क्वांटम तकनीक पर शोध एवं अनुसंधान चल रहा है.
राष्ट्रीय क्वांटम मिशन के साथ भारत इस विशिष्ट समूह का सातवां सदस्य बन गया है. क्वांटम तकनीक भौतिकी और इंजीनियरिंग का एक क्षेत्र है, जिसके आधार पर उत्कृष्ट एवं उन्नत तकनीकों का विकास किया जाता है. क्वांटम मैकेनिक्स और तकनीक के गूढ़ क्षेत्र में भारत का यह संगठित प्रवेश विज्ञान एवं तकनीक में हमारी विकास यात्रा का नवीनतम अध्याय है. स्वतंत्रता के बाद से भारत ने निरंतर ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने का प्रयास किया है और हमें इस प्रयास में कई सफलताएं भी मिली हैं.
अंतरिक्ष अनुसंधान, परमाणु क्षमता, यांत्रिकी, सॉफ्टवेयर, इलेक्ट्रॉनिक्स आदि में भारत विकसित देशों के साथ बराबरी से खड़ा है. हालांकि देश के विभिन्न प्रयोगशालाओं में क्वांटम तकनीक पर काम होता है और विश्वविद्यालयों में क्वांटम मैकेनिक्स की पढ़ाई भी होती है, पर उम्मीद है कि राष्ट्रीय मिशन के गठन से पढ़ाई, शोध और अनुसंधान को गति तो मिलेगी ही, साथ ही बड़ी परियोजनाओं को भी शुरू किया जा सकेगा.
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार विज्ञान और तकनीक के विकास पर जोर देते रहे हैं तथा बजट में शोध एवं अनुसंधान के लिए अलग से धन आवंटित किया जाता है. हाल में 6जी तकनीक के लिए काम शुरू किया गया है. पिछले साल इसरो ने क्वांटम तकनीक के सहारे अंतरिक्ष से विशेष संचार का एक सफल प्रयोग किया था. क्वांटम मिशन से ऐसे प्रयासों को बढ़ावा मिलेगा. इससे कई क्षेत्रों में क्वांटम तकनीक के इस्तेमाल का रास्ता बनेगा.
सूचना, संचार और गणना को एक और अत्याधुनिक आधार भी मिलने की उम्मीद है. केंद्रीय विज्ञान एवं तकनीकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने उचित ही कहा है कि राष्ट्रीय क्वांटम मिशन से विज्ञान के इस क्षेत्र में भारत एक क्वांटम छलांग लगा सकेगा. उल्लेखनीय है कि इस क्षेत्र में पहले से सक्रिय छह देश भी अभी शोध एवं अनुसंधान के चरण में ही हैं. उन्होंने अभी तक क्वांटम तकनीक का कोई भी व्यावहारिक इस्तेमाल नहीं किया है. इसलिए भारत अपनी इस पहल के साथ उनके बराबर ही खड़ा होगा.
SORCE: prabhatkhabar
Tagsएक क्वांटम छलांगa quantum leapदिन की बड़ी ख़बरजनता से रिश्ता खबरदेशभर की बड़ी खबरताज़ा समाचारआज की बड़ी खबरआज की महत्वपूर्ण खबरहिंदी खबरजनता से रिश्ताबड़ी खबरदेश-दुनिया की खबरराज्यवार खबरहिंदी समाचारआज का समाचारबड़ा समाचारनया समाचारदैनिक समाचारब्रेकिंग न्यूजBig news of the dayrelationship with the publicbig news across the countrylatest newstoday's big newstoday's important newsHindi newsbig newscountry-world newsstate-wise newsToday's NewsBig NewsNew NewsDaily NewsBreaking News
Triveni
Next Story