सम्पादकीय

कोरोना से एक नई कशमकश

Gulabi
31 March 2021 5:29 AM GMT
कोरोना से एक नई कशमकश
x
सोमवार को भारत में 56 हजार से ज्यादा कोरोना संक्रमण के मामले दर्ज हुए

सोमवार को भारत में 56 हजार से ज्यादा कोरोना संक्रमण के मामले दर्ज हुए। इसके पहले रविवार को 68,266 नए मामले दर्ज किए गए थे। लेकिन एक दिन में आई ये कमी कहीं से राहत की बात नहीं है। बल्कि मुमकिन है कि यह महज होली के दिन कम आंकड़े दर्ज होने की बात हो। असल मुद्दा यह है कि देश में कोरोना संक्रमण में तेजी से प्रसार हो रहा है। रविवार का आंकड़ा पिछले 168 दिनों में सबसे अधिक था। साथ ही कोरोना वायरस से मरने वालों में भी 51 फीसदी का इजाफा हुआ है। बीते सप्ताह कोरोना से 1,857 मौतें हुईं, जो कि पिछले साल के दिसंबर के 21 से 27 वाले हफ्ते के बाद सबसे ज्यादा है। देश में 22 मार्च से 28 मार्च वाले सप्ताह में 3.9 लाख नए केस सामने आए, जो कि पिछले साल अक्टूबर के बाद सबसे ज्यादा है। सक्रिय मामलों की संख्या 5 लाख के पास पहुंच गई है। यानी किसी नजरिए से देखें, तो हालत बिगड़ रही है।


मुश्किल यह है कि इस बार सरकारों के पास इससे निपटने के कदम उठाने का साहस भी कम है। पिछले लॉकडाउन ने देश और आम लोगों की ऐसी कमर तोड़ दी है कि अब अगर वैसा कदम उठाया गया, तो देश में सीधी भुखमरी देखने को मिल सकती है। चिंताजनक बात यह भी है कि इस बार मामलों का प्रसार छोटे कस्बों में ज्यादा है। यानी देश के आम जन के सामने एक अजीब सी दुविधा पैदा हो गई है। दुविधा यह है कि भूख से मरें या कोरोना से! ऐसी खबर है कि सबसे ज्यादा पीड़ित राज्य महाराष्ट्र की सरकार पूरे राज्य में लॉकडाउन लगाने की तैयारी कर रही है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने ये बात सही कही है कि लोग नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। लोग दिशा-निर्देशों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं और इसकी वजह से कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। लेकिन सवाल यह भी है कि अगर लॉकडाउन लागू हुआ, तो उस दौरान लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी को सपोर्ट करने के लिए सरकारों के पास क्या तैयारी है? बहरहाल, ये बात समझना मुश्किल है कि लोग वायरस को लेकर इतने लापरवाह हो गए हैं? जिन लोगों ने पिछले साल खुद को घरों में कैद कर लिया था, वे अब कोरोना के सामान्य नियमों का भी पालन क्यों नहीं कर रहे हैं?
Next Story