सम्पादकीय

थोड़ा व्यावहारिक, थोड़ा ख्याली पुलाव जैसा है गोवा में बीजेपी का चुनावी घोषणपत्र

Rani Sahu
11 Feb 2022 4:18 PM GMT
थोड़ा व्यावहारिक, थोड़ा ख्याली पुलाव जैसा है गोवा में बीजेपी का चुनावी घोषणपत्र
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गोवा व‍िधानसभा 2022 (Goa Assembly Election) के चुनाव के ल‍िए सत्‍तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 22 ब‍िन्‍दुओं वाला घोषणापत्र जारी क‍िया है

अजय झा

गोवा व‍िधानसभा 2022 (Goa Assembly Election) के चुनाव के ल‍िए सत्‍तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 22 ब‍िन्‍दुओं वाला घोषणापत्र जारी क‍िया है. बीजेपी मेन‍िफेस्‍टो को केंद्रीय परिवहन मंत्री न‍ित‍िन गडकरी (Nitin Gadkari) ने मंगलवार को जारी क‍िया, जो पार्टी के राज्‍य की 40 व‍िधानसभा सीटों में से कम से कम 22 पर जीत काब‍िज करने के इरादे को दर्शाता है. बीजेपी ने अपना घोषणापत्र राज्‍य के समग्र व‍िकास और सभी वर्गों को ध्‍यान में रखते हुए तैयार क‍िया है. इसमें आने वाले समय में गोवा को आर्थिक गतिविधियों का केंद्र बनाने का वादा भी किया गया है
अपने घोषणापत्र में पार्टी ने कहा है क‍ि सरकार बनने के 6 महीनों के अंदर ही राज्‍य में खनन गतिव‍िध‍ियों पर लगी रोक हटा दी जाएगी. साथ ही पार्टी की ओर से हर घर को 3 एलपीजी स‍िलेंडर मुफ्त देने और युवा बेरोजगारों को 5 हजार प्रति माह का रोजगार भत्‍ता देने का भी ऐलान क‍िया है.
बीजेपी के घोषणापत्र के क्या मायने हैं?
भारतीय जनता पार्टी ने अपने मेन‍िफेस्‍टो में व‍िपक्ष पर निशाना साधने के साथ यह सावधानी भी बरती है कि जनता से वही वादे किए जाएं जो अगले पांच साल में पूरे किए जा सकें ताकि पार्टी पर झूठे वादे करने के आरोप न लगाए जाएं. गोवा में प‍िछले एक दशक से बीजेपी सत्ता में है और अब उसकी नज़र राज्य में लगातार तीसरी बार चुनाव जीतने पर है. हालांकि इस बार बीजेपी का सबसे बड़ा दांव उसकी लोकप्र‍ियता नहीं बल्‍क‍ि बुरी तरह बंटा व‍िपक्ष है. ऐसे में पार्टी के सामने घोषणापत्र बनाने की अपनी सीमाएं और चुनौत‍ियां रही होंगी क‍ि सत्‍ता में वापसी के बाद पार्टी राज्‍य के ल‍िए क्‍या करेगी. बता दें क‍ि राज्‍य में 14 फरवरी को नई विधानसभा का चुनाव करने के लिए मतदान होगा. व‍िपक्ष में होने पर और खासतौर पर यह पता होने पर क‍ि आपकी सरकार बनना लगभग नामुमक‍िन है क‍िसी भी पार्टी के ल‍िए वोटरों से बड़े-बड़े वादे करना आसान होता है. दरअसल ऐसे हालात में व‍िपक्ष जानता है क‍ि उस पर इन वादों को पूरा करने का बोझ नहीं होगा
गोवा की राजनीति में नई एंट्री करने वाली तृणमूल कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में कई अव्‍यावहारिक ऐलान क‍िए हैं: मसलन युवाओं को ब‍िना ये देखे ब‍िजनेस के ल‍िए लोन देना क‍ि वे बाद में इसे चुका भी सकेंगे या नहीं. वहीं, आम आदमी पार्टी ने गोवा के वोटरों को लुभाने के ल‍िए मुफ्त ब‍िजली और पानी के साथ कैश ऑफर भी द‍िए हैं. उधर, बीजेपी की सबसे बड़ी प्रतिद्वंदी पार्टी यानी कांग्रेस भी गोवा में ऐसे वादों में पीछे नहीं रही है.
कागजों पर देखें तो बस इसी पार्टी में दम है कि वह बीजेपी को गोवा में दोबारा सरकार बनाने से रोक सके और यही वजह है क‍ि लुभावनी घोषणाओं के साथ कांग्रेस ने भी मतदाताओं को अपनी ओर खींचने की पूरी कोश‍िश की है. कांग्रेस ने 2019 के आम चुनाव वाला दांव, जो सफल नहीं रहा था, इस बार गोवा व‍िधानसभा चुनाव में भी खेला है. पार्टी ने कहा है क‍ि NYAY (यानी न्‍यूनतम आय योजना) के तहत वह लोगों के ल‍िए अपने खजाने खोलेगी. अपनी फ्लैगश‍िप समाज कल्याण योजना के तहत पार्टी ने सत्‍ता में आने पर हर घर को 72 हजार रुपये सालाना देने का ऐलान क‍िया है.
बीजेपी की ओर से भी कुछ वादे बढ़चढ़ कर क‍िए गए हैं
इन घोषणाओं के बीच बीजेपी के हाथ इसल‍िए बंधे हैं क्‍योंक‍ि चुनाव में लगातार तीसरी बार पार्टी की सरकार बनने की संभावना ज़्यादा जताई जा रही है. वहीं व‍िपक्ष की तरह बीजेपी भारी भरकम वादे इसल‍िए नहीं कर सकती क्‍योंक‍ि अगले पांच साल में अगर वो वादे पूरे नहीं हुए तो आगामी चुनावों में पार्टी को इसका ख़ामियाज़ा भुगतना पड़ सकता है. आख़िरकार सत्तारूढ़ पार्टी को पांच साल के कार्यकाल ख़त्म होने के बाद चुनाव में जनता को अपनी उपलब्धियों और पूरे किए गए वादों का हिसाब किताब भी देना पड़ता है.
यही वजह है क‍ि अपने मेन‍िफेस्‍टो, ज‍िसे पार्टी संकल्‍प पत्र कहना पसंद करती है, को बनाने में बीजेपी ने इतनी सावधानी बरती है. नतीजतन बीजेपी का घोषणापत्र व‍िपक्षी पार्ट‍ियों ज‍ितना लुभावना नहीं है और पार्टी ने बड़ी सावधानी से उन्‍हीं मुद्दों को शामिल क‍िया है ज‍िनको वह अगले 5 साल में पूरा कर सकती है. इसमें हर घर को 3 मुफ्त एलपीजी स‍िलेंडर, अगले 3 साल तक पेट्रोल और डीजल के दाम में स्‍टेट ड्यूटी में कोई बढ़ोतरी न करने, टूरिस्‍ट की संख्‍या दोगुनी करने, होम स्‍टे के ल‍िए लोकल्‍स को ट्रेन‍िंग और ब्‍याज रह‍ित लोन देने, बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य और लोकल ट्रांसपोर्ट सुव‍िधाएं मुहैया कराने, सी फूड के क्षेत्र में गोवा से न‍िर्यात बढ़ाने, गरीबों के ल‍िए अन्‍नपूर्णा कैंटीन बनाने (जहां सब्‍स‍िडी के साथ भोजन द‍िया जाएगा), हर किसी को घर मिले इसके ल‍िए मह‍िलाओं को 2 फ़ीसदी और पुरुषों को 4 फ़ीसदी की ब्‍याज दर पर होम लोन देने, बुजुर्गों के ल‍िए तीन हजार रुपये की मास‍िक पेंशन, बेरोजगार युवाओं को 5000 रुपये का मास‍िक भत्‍ता और अंतरराष्‍ट्रीय स्तर का नया फुटबॉल स्‍टेड‍ियम जहां इंटरनेशनल कोच भी होंगे जैसे वादे शामिल क‍िए गए हैं.
हालांक‍ि बीजेपी की ओर से भी कुछ वादे बढ़ाचढ़ा कर क‍िए गए हैं. इनमें गोवा को अगले एक दशक में 50 ब‍िल‍ियन डॉलर की इकोनोमी बनाना, गोवा को मेड‍िकल टूर‍िज्‍म के सेंटर के तौर पर स्‍थाप‍ित करना शामिल है, जबक‍ि कोव‍िड-19 की लहर के दौरान राज्‍य की चरमराई मेड‍िकल व्‍यवस्‍था पूरी तरह उजागर हो चुकी है. इसके अलावा फीफा अंडर-20 वर्ल्‍ड कप का गोवा में आयोजन और गोवा से ओल‍िंप‍िक में गोल्‍ड मेडल जीतने वाले ख‍िलाड़ी तैयार करने जैसे वादे भी बीजेपी के संकल्‍प पत्र में शामिल हैं.
2007 से ही गोवा में खनन की गत‍िव‍िधियों को रोक द‍िया गया था
बीजेपी के मेन‍िफेस्‍टो में जो सबसे द‍िलचस्‍प बात है वो है लौह-अयस्क (iron Ore) खनन गतिविधियों को फिर से शुरू करने का वादा, ज‍िस पर 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी. देखा जाए तो 2007 से ही गोवा में खनन की गत‍िव‍िधियों को रोक द‍िया गया था और राज्‍य में पर्यटन के बाद खनन ही कमाई का दूसरा बड़ा जर‍िया होने से इस रोक से गोवा के आम आदमी को झटका लगा था. बीजेपी के संकल्‍प पत्र के अनुसार, राज्य में नई खनन नीति की घोषणा की गई है जो पूरे गोवा में निम्न-श्रेणी के अयस्क के उपयोग की अनुमति देगी. पार्टी ने मे‍न‍िफेस्‍टो में कहा है क‍ि हमने राज्य में लौह अयस्क ब्लॉकों की नीलामी के लिए कदम उठाए हैं और राज्य में खनन की न‍िगरानी के ल‍िए गोवा खनिज विकास निगम की भी स्थापना की है. राज्य में अगले छह महीनों के भीतर खनन गतिविधियों के दोबारा शुरू होने से गोवा के ल‍िए रोजगार के मौके खुलेंगे और साथ ही अर्थव्यवस्था का भी पुनरोद्धार होगा.
दिलचस्प बात यह है कि बीजेपी के घोषणापत्र में शामिल ये 22 पॉइंट दरअसल गोवा की 40 सदस्यीय विधानसभा में से पार्टी के कम से कम 22 सीटों पर जीत हास‍िल करने के मंसूबे को दर्शाते हैं. पहले भी जब बीजेपी ने राज्‍य चुनावों के दौरान हर‍ियाणा और पश्चिम बंगाल के चुनावों में लगभग क्लीन स्वीप के दावे किए थे, तब भी गोवा को लेकर पार्टी ने अपनी संभावनाएं यथार्थ के बेहद करीब ही रखी थीं.
अंत में यही कहा जा सकता है क‍ि 12 फरवरी को प्रचार के समाप्‍त होने तक भारतीय जनता पार्टी ने पहले आजमाए फॉर्मूले को ही पकड़ा है ज‍िसके तहत पार्टी के वरिष्ठ केंद्रीय नेता राज्‍य में लगातार जोरदार रैली और कैंपेन‍िंग करेंगे. पार्टी प्रमुख जेपी नड्डा और संघीय मंत्री अमित शाह ने बीते कुछ समय में गोवा का कई बार दौरा क‍िया है, वहीं अन्‍य मंत्री जैसे नितिन गडकरी और राजनाथ सिंह भी राज्य में प्रचार में कसर नहीं छोड़ रहे हैं. बीजेपी के प्रचार अभियान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 10 फरवरी को गोवा जाने और उत्तरी गोवा की वाणिज्यिक राजधानी मापुसा में एक रैली को संबोधित करने के साथ और गति मिलने की भी उम्मीद थी.
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