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मनीष पांडेय | ठीक 47 साल पहले आज के दिन देशभर में उस संपूर्ण क्रांति की ही चर्चा थी, जिससे उपजे विमर्श ने देश की राजनीति को एक नई दिशा प्रदान की। पांच जून, 1974 को जब जेपी यानी जयप्रकाश नारायण ने पटना में संपूर्ण क्रांति की शुरुआत की थी, उस समय डा. सीपी ठाकुर पटना में ही थे, लिहाजा उन्हें इसे काफी नजदीक से देखने-समझने का मौका मिला। केंद्र की वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे डा. सीपी ठाकुर आज भले ही सक्रिय राजनीति से दूर हैं, लेकिन एक सामान्य ग्रामीण परिवार में पैदा होने के बाद से चिकित्सक से राजनेता बनने के दौरान उनके जीवन में अनेक ऐसे मोड़ आए, जिन्हें इस किताब के जरिए जानना बेहद रोचक है। लंदन से उच्च चिकित्सा शिक्षा हासिल करने के बाद वर्ष 1974 तक डा. सीपी ठाकुर पटना में लोकप्रिय चिकित्सक के रूप में ख्याति प्राप्त कर चुके थे और उस समय के वरिष्ठ राजनेता जेपी के निजी चिकित्सक की भूमिका भी उन्होंने कई वर्षों तक निभाई। कालाजार के क्षेत्र में उनके अग्रणी शोध ने उन्हें दुनियाभर में पहचान दिलाई। चिकित्सा सेवा में उनके व्यापक योगदान के कारण वर्ष 1982 में भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया।