सम्पादकीय

एक अच्छा शिक्षक कभी भी सिर्फ अकादमिक तक सीमित नहीं रहता वह अपने छात्र को किसी लत से बाहर निकलने में भी मदद करता है

Rani Sahu
5 Sep 2021 12:14 PM GMT
एक अच्छा शिक्षक कभी भी सिर्फ अकादमिक तक सीमित नहीं रहता वह अपने छात्र को किसी लत से बाहर निकलने में भी मदद करता है
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इस शुक्रवार शाम को मेरे एक मित्र का फोन आया, वो चाहता था कि मैं कुछ समय से यूके में पढ़ रही उसकी बेटी से सख्ती से बात करूं

एन. रघुरामन। इस शुक्रवार शाम को मेरे एक मित्र का फोन आया, वो चाहता था कि मैं कुछ समय से यूके में पढ़ रही उसकी बेटी से सख्ती से बात करूं। जब मैंने मुद्दे के बारे में पूछा, तो उसने बताया, 'वह खाने पर बहुत ज्यादा खर्च कर रही है। मुझे उस पर यकीन नहीं होता क्योंकि वह सादा खाने वालों में से है। इसलिए मैं चाहता हूं कि तुम उससे बात करो और कारण का पता लगाओ।' तब मैंने उसे वीडियो कॉल किया। उसकी पहली प्रतिक्रिया यही थी कि नए ट्रेंड्स से बेख़बर मैं एक बुजुर्ग आदमी हूं।

चूंकि मैंने वहां काम किया है इसलिए यूके के बारे में कितना जानता हूं इस पर 45 मिनट की बातचीत के बाद उसने ये माना कि उसे बाहर से खाना मंगाने (टेकअवे डिलीवरी) की लत लग चुकी है! इससे मुझे झटका लगा। मेरे लिए ये नई लत है। वहां उसके साथ जाकर उसकी मां ने बसने में मदद की साथ ही पूरे का पूरा किचन भी बनाया, बावजूद इसके वह हर हफ्ते कम से कम 4 हजार रुपये खर्च कर रही है। उसके हिसाब से ये सबसे कम खर्च है, जो कि 5500 रु. प्रति सप्ताह तक जाता है। उसने माना कि वह चार मौकों पर खर्च करती है।
1. जब वह दुखी होती है।
2. जब थकी होती है।
3. जब ग्रुप में उसका किसी से झगड़ा हो जाता है और इससे अपसेट हो जाती है।
4. जब दोस्त मिलकर किसी एक के घर पर नाइटआउट करते हैं और अपने अपने खाने का पैसा देते हैं। मैं इसे आसानी से जोड़कर देख सकता हूं। जब मैं उदास होता था, तो समुद्र तट पर जाता था और जंक फूड पर पैसे खर्च करता था। ये फूड मुझे सुकून देता था और मैं मुंबई में घूमते हुए अपने कमरे तक लौट आता था। पर पिछले 18 महीनों में कोविड के कारण लोग घरों के अंदर हैं और ओटीटी माध्यमों ने उन्हें अपने कमरों में व्यस्त रखा है। चंद बटन क्लिक करने के साथ अपने पसंदीदा रेस्तरां के व्यंजन घर बुलाकर इन बच्चों ने आलस के सबसे ऊंचे प्रतिमान छू लिए हैं। आज लॉकडाउन भले ही खत्म हो गया हो, पर 30 साल से कम उम्र के बच्चों को टेकअवे डिलीवरी की लत छुड़ा पाना मुश्किल हो रहा है!
यहां तक कि अपने शहर की कॉलोनी में देखें। कुछ समय पहले तक सुपरमार्केट से सामान पहुंचाने वाले के बाद आमतौर पर सबसे ज्यादा एमेजॉन का डिलीवर बॉय आता था। पर इन सबको अब एक बड़ी सी जैकेट, हेलमेट, चश्मा पहने व्यक्ति ने पीछे छोड़ दिया है, जो अपने से बड़ा दिखने वाले हॉट केस के साथ हमेशा तैयार रहता है।
कोई आश्चर्य नहीं, हाल ही में यूके में मार्केट रिसर्च ग्रुप मिंटेल ने बताया कि देश की एक तिहाई आबादी बाहर से खाना मंगाने पर बहुत खर्च कर रही है। एकाउंटेसी फर्म केपीएमजी ने भी बताया कि ब्रिटेन के लोग टेकअवे पर हर महीने औसतन 5 हजार रु. खर्च कर रहे हैं। पर मेरे मित्र की बेटी ने वही चीज एक हफ्ते में की। मैंने उसे कुछ फूड बिल दिखाने के लिए कहा और उनकी गणना समझने में उसकी मदद की। मैंने उसे समझाया कि कैसे कुछ एप्स देर रात की डिलीवरी में भोजन की लागत का 25% जोड़ देते हैं।
पूरे दो घंटे बाद मैंने उसे फूड डिलीवरी एप्स को ब्लैक लिस्ट करने का आइडिया दिया और उसने इसके लिए हामी भरी। वह राजी हो गई क्योंकि वह समझ गई कि टेकअवे के विकल्प के बिना वह कुछ हजार रुपयों से धनी और कुछ किलो वजन से हल्की हो जाएगी। बाद में चलकर शानदार कुक भी बन जाएगी, फिर अपनी और फैमिली की हेल्थ मैनेज करने में सक्षम हो जाएगी। फंडा ये है कि एक अच्छा शिक्षक कभी भी सिर्फ अकादमिक तक सीमित नहीं रहता। फ्रेंडली शिक्षक यहां तक कि छात्र को किसी लत से बाहर निकलने में भी मदद करता है।


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