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- प्राध्यापकों को सातवें...
हिमाचल प्रदेश में सरकार के अधीनस्थ कार्य कर रहे सभी कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के सभी वित्तीय लाभ मिल चुके हैं, लेकिन प्रदेश के उच्च शिक्षण संस्थानों में कार्यरत प्राध्यापक अभी भी सरकार की ओर आशा भरी निगाहों से देख रहे हैं। हिमाचल प्रदेश में उच्चतर शिक्षा विभाग के अधीन सभी महाविद्यालयों तथा सभी विश्वविद्यालयों में कार्य कर रहे प्राध्यापकों की कुल संख्या लगभग तीन हज़ार है जिन पर पूरे प्रदेश की उच्चतर शिक्षा का दायित्व है। ये सभी प्राध्यापक विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की शैक्षिक कार्यप्रणाली के अंतर्गत तथा सिफारिशों के अधीन कार्य करते हैं। भारतवर्ष में प्राध्यापकों के वेतनमान, कामकाज, शैक्षिक मानदंड तथा नियामकों का निर्धारण विश्वविद्यालय अनुदान आयोग करता है जिसका पालन देशभर के सभी विश्वविद्यालय तथा महाविद्यालय करते हैं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग सभी राज्यों के विश्वविद्यालयों तथा महाविद्यालयों के प्राध्यापकों का वेतनमान निर्धारित करता है तथा वेतनमान जारी करने के पश्चात यह कुल राशि का पचास प्रतिशत आगामी पांच वर्ष तक वहन करता है। पूरे देश में सातवां वेतन आयोग एक जनवरी, 2016 में जारी हो चुका है तथा इस समय भारतवर्ष के उन्नतीस राज्यों में से सत्ताईस राज्यों तथा नौ केंद्र शासित प्रदेशों के विश्वविद्यालयों तथा महाविद्यालयों के प्राध्यापकों के लिए लागू हो चुका है।