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आईपीएल की 2 नई टीमें तय हो गयी हैं. अगले साल से Indian Premier League में अब 10 टीमें खेलेंगी. संजीव गोयनका की RPSG group ने लखनऊ की टीम ख़रीदी है
संजय किशोर आईपीएल की 2 नई टीमें तय हो गयी हैं. अगले साल से Indian Premier League में अब 10 टीमें खेलेंगी. संजीव गोयनका की RPSG group ने लखनऊ की टीम ख़रीदी है. इसके लिए ग्रुप ने 7090 करोड़ की बोली लगायी. जबकि दूसरी टीम अहमदाबाद को विदेशी फ़र्म CVC Capitals ने 5625 करोड़ में ख़रीदा है. टीमें ख़रीदने के लिए इतनी बड़ी बोली लगायी गई कि बड़े-बड़े दिग्गज़ हैरान हैं. दोनों टीमों की रक़म मिला दी जाए तो बीसीसीआई को 12 हज़ार 715 करोड़ रुपये मिलेंगे. खेलों की दुनिया इस बात से हैरान है कि RPSG Group इतनी बड़ी रक़म क्या सोच कर खर्च करने जा रहा है.
लोगों ने कहा कि कुछ पैसे मिलाकर एयर लाइंस ही ख़रीद लेते. टाटा ने एयर इंडिया को क़रीब 18 हज़ार करोड़ में ख़रीदा है. मगर 45,000 करोड़ के RP-Sanjiv Goenka Group के अध्यक्ष संजीव गोयनका इसे घाटे का सौदा नहीं मानते. संजीव गोयनका ने NDTV से ख़ास बातचीत में बताया कि उनकी कंपनी ने भावना में बहकर अहमदाबाद की बजाए लखनऊ टीम नहीं खरीदी है और न ही बिना सोचे समझे इतना बड़ा दांव खेला है.
RPSG Group के अध्यक्ष संजीव गोयनका ने कहा, 'हमने काफ़ी हिसाब लगाकर इतनी बड़ी रक़म खर्च करने का फ़ैसला किया है. 7 हज़ार करोड़ हमें 10 साल में बीसीसीआई को देने हैं. इन 10 साल में हमें ब्रॉडकास्ट राइट्स और विज्ञापनों से बीसीसीआई कम से कम 3900 करोड़ देगी. ये रक़म 4300 करोड़ तक भी जा सकती है. आप 7000 करोड़ खर्च कर रहे हैं और आपको 3900 करोड़ मिल जा रहे हैं. इसका मतलब हमें 10 साल में 3100 करोड़ रुपये देने हैं. अभी टीम की कीमत 2300 करोड़ है. मुझे पूरा भरोसा है कि आने वाले 3-4-5 साल में टीम की वेल्यू 10 हज़ार करोड़ रुपए हो जाएगी.
दो टीमों को ख़रीदने के लिए कुल 22 घरानों ने दिलचस्पी दिखाई थी. रेस में अडानी ग्रुप के साथ-साथ All Cargo Logistics, Uday Kotak, Glazers, HT Media, Torrent Pharma शामिल थी. टीम खरीदने के लिए बेस प्राइस 2,000 करोड़ रखा गया था.
किसने कितनी बोली लगाई
अडानी ग्रुप - 5100 करोड़
कोटक - 4513 करोड़
ऑल कार्गो - 4140 करोड़
एचटी मीडिया - 4275 करोड़
अवराम ग्लेज़र - 4128 करोड़
कापरी ग्लोबल - 4204 करोड़
जो दांव अग्रेसिव अडानी जैसे ग्रुप ने नहीं खेला उस पिच पर संजीव गोयनका उतर गए हैं. मुकेश अंबानी ने 16 गुणे कम पैसे में मुंबई इंडियंस टीम ख़रीदी थी.
RPSG Group के अध्यक्ष संजीव गोयनका ने कहा, 'स्पोर्ट्स कभी शौक हुआ करता था लेकिन आज बड़ा कारोबार बन गया है. मुझे पूरा भरोसा है कि आने वाले 3-4-5 साल में टीम की वेल्यू 10 हज़ार करोड़ रुपए हो जाएगी.
जब उनसे पूछा गया कि कोरोना के सामय में उनका करोबार कैसा चल रहा था. क्या लॉकटाउन से उन्हें नुकसान नहीं हुआ? आईपीएल के लिए पैसा कहां से आएगा.
उन्होंने कहा, 'मेरा करोबार पहले से बहुत अच्छा कर रहा है. पिछले साल हमें आज तक का सबसे बड़ा मुनाफ़ा हुआ. पिछले साल हमारा रेवेन्यू सबसे ज़्यादा था. लेकिन पैसा मेरे कारोबार से नहीं जाएगा. मेरी नीजी कंपनी और RPSG Ventures इसे फंड करेगी.'
2008 में 8 टीमें कुल मिलाकर सिर्फ़ 3000 करोड़ में बिकी थी. मुंबई इंडियंस के लिए सबसे ज़्यादा 447 करोड़ में बिकी थी. 13 साल बाद एक टीम के लिए 7000 करोड़ खर्च कर दिए गए. 13 साल में टीम की कीमत 16 गुणा बढ़ गयी है.
संजीव गोयनका का आईपीएल में ये पहला अनुभव नहीं है. चेन्नई सुपरकिंग्स और राजस्थान रॉयल्स के निलंबन के दौरान 2 सीज़न के लिए राइज़िंग पुणे सुपजाइंट्स पर दांव लगा चुके हैं. इससे पता चलता है कि उनका ग्रुप IPL में शामिल होने के लिए किस कदर बेकरार था. इस बार उनके पास लखनऊ और अहमदाबाद दोनों में से एक टीम को चुनने का विकल्प था. अहमदाबाद में वर्ल्ड का सबसे बड़ा और आधुनिक स्टेडियम भी है लेकिन उन्होने लखनऊ चुना. ये फ़ैसला भी भावनात्मक नहीं है. संजीव गोयनका का ग्रुप पावर और एनर्जी, कार्बन, रिटेल, आईटी इनेबल्ड सेवाओं, एफ़एमसीजी, मीडिया, मनोरंजन कृषि क्षेत्र में कारोबार है. उत्तर प्रदेश में उनका कारोबार फ़ैला हुआ है. स्पेंसर सुपर स्टोर्स इसी ग्रुप के हैं. उत्तर प्रदेश में बिजली वितरण का भी काम करते हैं.
संजीव गोयनका ने कहा, 'उत्तर प्रदेश में हमारा कारोबार है. हमें लगा कि यूपी में अपने ग्राहकों से और नजदीकी से जुड़ सकते हैं.'
देश का सबसे बड़ा प्रदेश है. लखनऊ में भी एक नया स्टेडियम बना है. कानपुर में भी ग्रीन पार्क काफ़ी पुराना स्टेडियम है. दिल्ली से सटे नोएडा में भी खेल की आधुनिक सुविधाएं और स्टेडियम मौजूद हैं. और सबसे बड़ी बात हाल के साल में उत्तर प्रदेश से बहुत सारी प्रतिभाएं निकली हैं. सुरेश रैना, मोहम्मद शमी, दीपक और राहुल चहर,
सीवीसी कैपिटल एक इक्विटी इनवेस्टमेंट फ़र्म है. कंपनी सही समय पर सही दांव लगाती है ताकि ज़्यादा से ज़्यादा मुनाफ़ा मिल सके. मैनचेस्टर युनाइटेड और सीवीसी कैपिटल्स जैसी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों की दिलचस्पी दिथाने से ब्रैंड आईपीएल की वैल्यू और बढ़ गयी है. ज़ाहिर है क्रिकेट के बाज़ार पर कोरोना और लॉक डाउन पर कोई असर नहीं हुआ है.
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