सम्पादकीय

22 स्मार्ट सिटी तैयार

Triveni
14 Feb 2023 2:59 PM GMT
22 स्मार्ट सिटी तैयार
x
भारत सरकार के महत्वाकांक्षी स्मार्ट सिटी मिशन के तहत 22 शहरों में चल रही परियोजनाएं अगले माह पूरी हो जायेंगी,

भारत सरकार के महत्वाकांक्षी स्मार्ट सिटी मिशन के तहत 22 शहरों में चल रही परियोजनाएं अगले माह पूरी हो जायेंगी, यानी ये शहर स्मार्ट सिटी बन जायेंगे. इनमें आगरा, वाराणसी, चेन्नई, पुणे, भुवनेशवर और अहमदाबाद आदि शहर शामिल हैं. इनके अलावा भोपाल, इंदौर, कोयम्बटूर, इरोड, सलेम, सूरत, उदयपुर, विशाखापत्तनम, काकीनाड़ा, वेल्लोर, पिमप्री-चिंचवाड़, मदुरै, अमरावती, तिरुचिरापल्ली, तंजावुर आदि में भी मार्च में मिशन के काम पूरे हो जायेंगे.

केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय की ओर से संकेत दिया गया है कि इस मिशन के शेष 78 शहरों में भी मिशन की परियोजनाएं आगामी तीन से चार महीनों में पूरी कर ली जायेंगी. उल्लेखनीय है कि स्मार्ट सिटी मिशन को 25 जून, 2015 को प्रारंभ किया गया था. इस मिशन के लिए शहरों के चयन के लिए चार चरणों में प्रतियोगिताएं आयोजित की गयी थीं, जो जनवरी, 2016 से जून, 2018 तक चली थीं.
इस प्रक्रिया के द्वारा 100 शहरों का चयन हुआ, जिनका पुनर्विकास किया जा रहा है. बीते कुछ दशकों से हमारे देश में शहरों का तेज विस्तार हुआ है. ऐसे में शहरों का आकार बेतरतीब ढंग से बढ़ा है तथा इसी के साथ शहरी संसाधनों पर भी दबाव बढ़ा है. स्वाभाविक रूप से इससे जनजीवन की गुणवत्ता का ह्रास हुआ है तथा शहरों की आबादी का बहुत बड़ा हिस्सा खराब हालत में जीने के लिए बाध्य है. स्वच्छता का अभाव स्वास्थ्य के लिए बड़ी चुनौती है.
इसी के साथ पानी और ऊर्जा की समुचित आपूर्ति में भी मुश्किलें आती हैं. इन समस्याओं के समाधान तथा शहरी जीवन को बेहतर करने के इरादे से स्मार्ट सिटी मिशन को शुरू किया गया था. इसी महीने सरकार ने संसद को जानकारी दी है कि इस साल 27 जनवरी तक 100 स्मार्ट शहरों में 98,796 करोड़ रुपये की 5,246 परियोजनाएं पूरी की जा चुकी हैं. इन शहरों में 1,81,322 करोड़ रुपये की कुल 7,804 परियोजनाओं को स्वीकृति दी गयी है.
केंद्र सरकार ने मिशन के लिए 36,447 करोड़ रुपये आवंटित किया है. इस राशि में से 32,095 करोड़ रुपये यानी 88 प्रतिशत हिस्से को इस्तेमाल में लाया जा चुका है. मिशन के िलए केंद्र सरकार को पांच वर्षों में 48,000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करनी है. लगभग इतनी ही धनराशि राज्य सरकार या स्थानीय निकाय द्वारा लगाया जाना है. इस मिशन में अब अधिक शहर शामिल नहीं होंगे, लेकिन जो कार्य इन शहरों में हुए हैं और उनका जो परिणाम सामने आयेगा, उससे अन्य शहर निश्चित ही प्रेरित होंगे.

जनता से रिश्ता इस खबर की पुष्टि नहीं करता है ये खबर जनसरोकार के माध्यम से मिली है और ये खबर सोशल मीडिया में वायरल हो रही थी जिसके चलते इस खबर को प्रकाशित की जा रही है। इस पर जनता से रिश्ता खबर की सच्चाई को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं करता है।

सोर्स: prabhatkhabar

Next Story