- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- दूर है 2024 की कौड़ी
यदि राष्ट्रीय स्तर पर विपक्ष के किसी नए मोर्चे की कामयाबी तय करनी है, तो राज्यों के चुनावों के जनादेश बेहद महत्त्वपूर्ण हैं। ताकतवर क्षेत्रीय सरकारों के बिना भाजपा के वर्चस्व को चुनौती नहीं दी जा सकती। हम यह आकलन इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने एक नए मोर्चे की कवायद शुरू की है। उन्होंने मुंबई में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार से अलग-अलग मुलाकात कर विपक्षी एकता के आयामों और संभावनाओं पर विमर्श किया है। हालांकि 2024 के आम चुनाव फिलहाल दूर हैं और विपक्षी चुनौती के लिए भी दूर की कौड़ी हैं, क्योंकि विपक्ष एक निश्चित राष्ट्रीय विकल्प और पूरे भारत के एक नेता का चेहरा स्थापित करने में नाकाम रहा है। यह विपक्ष के अलग-अलग प्रयासों के बावजूद है कि राष्ट्रीय स्तर पर कोई सहमति आज तक नहीं उभर पाई है। पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव जारी हैं। सबसे बड़े राज्य उप्र में सपा-रालोद गठबंधन को विपक्ष का व्यापक समर्थन नहीं मिला।
क्रडिट बाय दिव्याहिमाचल