सम्पादकीय

2021: जब अदालतों ने ऑनलाइन सुनवाई की बाधाएं भी पार कर लीं

Rani Sahu
31 Dec 2021 5:05 PM GMT
2021: जब अदालतों ने ऑनलाइन सुनवाई की बाधाएं भी पार कर लीं
x
भारतीय न्यायपालिका (Indian Judiciary) को उसके निष्पक्ष रुख के लिए जाना जाता है

आदित्य नायर भारतीय न्यायपालिका (Indian Judiciary) को उसके निष्पक्ष रुख के लिए जाना जाता है, और यदि बॉलीवुड (Bollywood) की माने तो इसको कड़े रुख वाला भी कहा जाता है. लेकिन, 2021 में एक अलग ही ट्रेंड देखा गया. इस दौरान कोविड-19 (Covid -19) के चलते लॉकडाउन की वजह से विभिन्न अदालतों में कई वर्चुअल हियरिंग (Virtual Hearing) हुई और साथ ही अजीबो-गरीब हालात भी पैदा हुए, जिनसे अदालतें नाराज भी हुईं.

पंजाब पुलिस (Punjab Police) के मुखिया सुमेध सिंह सैनी (Sumedh Singh Saini) का ही मामला देखें. वह 1994 के एक ट्रिपल मर्डर केस के आरोपी हैं. एक वर्चुअल हियरिंग के दौरान वह बेड पर लेटे नजर आए, जिस पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए "अपने बर्ताव को लेकर सचेत रहने" की चेतावनी दी. सैनी ने अपने पक्ष रखते हुए कहा कि वह बीमार थे और उनको बुखार था. लेकिन कोर्ट के मुताबिक, यदि ऐसा था तो उन्हें मेडिकल सर्टिफिकेट पेश करना चाहिए था.
बनियान में पेश होने पर अदालत ने 10 हजार का जुर्माना लगाया था
नवंबर में, एक व्यक्ति पर कोर्ट ने इसलिए 10 हजार रुपए का जुर्माना ठोका क्योंकि वह वर्चुअल हियरिंग के दौरान बनियान में पेश हुआ था. वह अपनी पत्नी द्वारा दर्ज कराए गए एक एफआईआर (FIR) के खिलाफ केस लड़ रहा था. निश्चित तौर पर कोर्ट द्वारा लगाया गया यह फाइन उसके लिए काफी महंगा पड़ा होगा.
ऐसे वाकये वकीलों के साथ भी हुए. कई वर्चुअल सुनवाई के दौरान उन्होंने 'कैजुअल फ्राइडे' एप्रोच दिखाया तो उन्हें कोर्ट की नाराजगी का सामना करना पड़ा. शिष्टाचार के मसले ने इलाहाबाद कोर्ट (Allahabad High Court) को इस हद तक नाराज कर दिया कि उसे वकीलों और अन्य कर्मचारियों के लिए ड्रेस कोड तक तय करना पड़ा.
वकीलों को ड्रेस कोड में रहने के थे निर्देश
अपने निर्देश में कोर्ट ने कहा, "किसी भी परिस्थिति में वकीलों का अनौपचारिक परिधान सही नहीं है और इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता. वकीलों को यह समझना चाहिए कि वर्चुअल मोड में किसी केस की सुनवाई के दौरान उनके मकान, ऑफिस या चेम्बर भी कोर्टरूम की तरह होते हैं और यह ठीक उसी तरह है जैसे आप कोर्ट में पेश होते हैं."
ध्यान रहे कि ऐसे लापरवाही के कई मामले पहले भी हो चुके हैं, जैसे एक सुनवाई के दौरान "एक महिला वकील फेस पैक के साथ" पेश हुई थी और एक अन्य केस में एक वकील "बनियान पहनकर" ही सुनवाई में शामिल हो गए. कुछ ही महीने पहले कोर्ट को एक मामले की सुनवाई स्थगित करनी पड़ी, जब याचिकाकर्ता के वकील ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के दौरान स्कूटर चलाते हुए कोर्ट के समक्ष अपनी बात रखने की कोशिश की.
वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के दौरान वकील खाना खा रहे थे
ऐसे ही एक अन्य घटना में, पटना हाईकोर्ट को उस समय शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा जब एक वकील एक हाथ में प्लेट रखे नजर आए और दूसरी ओर स्क्रीन पर भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता मौजूद थे. यह वीडियो वायरल हो गया था. वकील खाना खाने में इतना मगन थे कि उन्हें यह भी नहीं पता कि वीडियो कॉन्फ्रेसिंग में तुषार मेहता भी मौजूद हैं. वकील म्यूट मोड मे सुनवाई में शामिल रहे, लेकिन अपना कैमरा बंद करना भूल गए. यहां तक कि मेहता को उनको फोन पर इसकी जानकारी देनी पड़ी और उन्हें यह कहते भी सुना गया कि 'यहां भेज दो' (Send It Here).
वर्चुअल हियरिंग की सबसे चौंकाने वाली एक घटना तब सामने आई जब एक वकील सुनवाई के दौरान एक महिला के साथ आपत्तिजनक स्थिति में नजर आए. इस घटना ने कोर्ट को इस कदर नाराज किया कि उसने संबंधित वकील के खिलाफ अवमानना का मामला बनाया. उस वकील को किसी भी अदालत में केस लड़ने से निलंबित कर दिया गया.
ऐसा नहीं है कि ऐसी घटनाएं केवल निचली अदालतों में घटीं, बल्कि सुप्रीम कोर्ट भी ऑनलाइन ज्यूडिशियरी के ऐसे अजीबोगरीब हालातों का सामना करने से नहीं बच पाया. एक वकील जब टी-शर्ट पहन बेड पर लेटे हुए सुनवाई में पेश हुए तो देश की सर्वोच्च अदालत को "न्यूनतम अदालती शिष्टाचार" का पालन करने की बात कहनी पड़ी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान वकीलों को "सामने आने योग्य" होना चाहिए और अनुचित छवि में पेश नहीं होना चाहिए. बाद में संबंधित वकील ने अपने व्यवहार के लिए माफी मांगी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया.
वर्चुअल हियरिंग के दौरान बजाए जूही चावला के गाने
इसी तरह एक घटना एक्टर जूही चावला से जुड़ी है. उन्होंने 5G नेटवर्क को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, उनका कहना था कि यदि इंडस्ट्री में इसकी शुरुआत की गई तो रेडियो फ्रिक्वेंसी (RF) रेडिएशन का खतरा बढ़ जाएगा और यह मौजूदा स्तर से 10 से 100 गुना तक अधिक होगा. चावला ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर अपनी याचिका के बारे में बात की और वर्चुअल हियरिंग का लिंक अपनी पब्लिक प्रोफाइल में पोस्ट कर दिया.
दिलचस्प है कि कई अनजान लोग WebEx प्लेटफॉर्म में तीन बार वर्चुअल हियरिंग के दौरान शामिल हो गए और इस दौरान उन्होंने जूही चावला की फिल्मों का गाना 'मेरी बन्नो की आएगी बारात' और 'घूघंट की आड़ से' भी चालू कर दिया. ये यूजर्स 'मनीषा कोइराला' और 'जान्हवी' जैसे एक्टरों के नाम से स्क्रीन पर पेश हए और तो और जब सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता अपना पक्ष रख रहे थे तो ये लोग उनके तर्कों पर ईमोजी भी पोस्ट करते रहे. इस टोकाटाकी से नाराज होकर जस्टिस जेआर मिधा ने अपने स्टाफ को इन लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ अवमानना का मामला दर्ज करने का आदेश दिया. साथ ही उन्हें तुरंत सुनवाई से बाहर करने को कहा.


Next Story