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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना वायरस से उत्पन्न कोविड-19 महामारी के दौरान वर्ष 2020 में लोगों की मानसिकता में क्या बदलाव आया और आने वाले वर्ष 2021 से क्या उम्मीदें हैं? इसे हम आध्यात्मिक दृष्टिकोण से समझें तो कह सकते हैं कि हमारे कितने भी संकल्प हों, कितनी भी उम्मीदें हों और हमारे पास कितनी भी नई योजनाएं हों, परंतु होगा वही जो परमात्मा ने हमारे लिए सोच कर रखा है। जब 2020 शुरू हुआ था तो लोगों ने अपने नए वर्ष के लिए कई संकल्प लिए होंगे, अनेक योजनाएं बनाई होंगी, बहुत सारे सपने देखे होंगे, परंतु वर्ष 2020 ने हमें वह दिखाया जो शायद किसी ने सोचा भी नहीं होगा। इसने हमें बताया है कि योजनाएं बनाना और उन्हें पूरा करना केवल हमारे हाथ में नहीं है, बल्कि हमारे कर्म के ऊपर भी निर्भर करता है। आज हम अपने चारों ओर कोविड-19 के मरीज देख रहे हैं। इसे भगवान ने हमें दंड स्वरूप नहीं दिया है। ऐसा नहीं है कि वे हमसे नाराज हैं। यह कोई निरुद्देश्य घटना नहीं है, बल्कि हमारे कर्मों का ही परिणाम है।