सम्पादकीय

120th Birth Anniversary: बड़े गुलाम अली खान के एकमात्र फिल्मी गीत की कहानी

Rani Sahu
3 April 2022 9:38 AM GMT
120th Birth Anniversary: बड़े गुलाम अली खान के एकमात्र फिल्मी गीत की कहानी
x
बड़े गुलाम अली खान के एकमात्र फिल्मी गीत की कहानी

मनोज मलयानिल

उस्ताद बड़े गुलाम अली खान को बहुत से लोग 20वीं सदी का तानसेन कहकर पुकारते हैं. शायद यही वजह थी कि जब मोहम्मद के आसिफ फिल्म मुगल-ए-आजम के एक खास गाने की रिकॉर्डिंग के बारे में सोच रहे थे, तो उस समय उनके जेहन में उस्ताद बड़े गुलाम अली खान का नाम आया. दरअसल उस गाने में 'तानसेन' को गाते हुए फिल्माया जाना था. पर सवाल था कि उस्ताद से फिल्म में गाने के लिए कौन कहे?
बड़े गुलाम अली फिल्म में गाने के सख्त खिलाफ थे. के. आसिफ ने अपने दिल की ख्वाहिश नौशाद से जाहिर की जो फिल्म के संगीतकार थे. उन्हें बड़े गुलाम अली को किसी भी तरह गाने के लिए तैयार करने को कहा. एक दिन के आसिफ संगीतकार नौशाद के साथ बड़े गुलाम अली खान के घर पर पहुंच गए और उनसे कहा कि ये गाना तो आपको ही गाना पड़ेगा. बड़े गुलाम अली ने कहा कि अगर आप 25 हजार रुपये भी देंगे तब भी मैं फिल्म के लिए नहीं गाऊंगा. के. आसिफ ने कहा कि ठीक है, मैं पच्चीस हजार एक रुपया देता हूं, अब तो आपको गाना ही पड़ेगा. उस जमाने में बड़े से बड़े गायक को भी एक गाने के लिए हजार रुपये से ज्यादा नहीं मिलते थे.
फिल्म मुगल-ए-आजम के. आसिफ की जिद थी, एक खूबसूरत जिद, जिसके लिए वे किसी भी सीमा के पार जाने के लिए तैयार थे. पत्रकार और लेखिका रोशमिला भट्टाचार्य अपनी किताब 'मैटिनी मेन' में लिखती हैं कि के. आसिफ ने उसी समय 10 हजार रुपये उस्ताद बड़े गुलाम अली को एडवांस दे दिए.
गीत 'प्रेम जोगन बनके' की रिकॉर्डिंग का किस्सा भी काफी दिलचस्प है. उस्ताद बड़े गुलाम अली खान गाने की रिकॉर्डिंग के लिए महबूब स्टूडियो में आए. स्टूडियो में घुसते ही पूछा कि हमारे लिए गद्दा, चादर और तकिया कहां है. के. आसिफ समझ गए और उन्होंने तुरंत स्टूडियो में संगीत की बैठक का सेट तैयार करा दिया. इसके बाद बड़े गुलाम अली खान ने रिकॉर्डिंग शुरू की. के. आसिफ उनके गाने से प्रभावित नहीं दिखे. उन्होंने कहा, आपने बहुत भारी गाया है. फिल्म में गीत को रोमांटिक मूड में दर्शाना है.
लेखिका रोशमिला भट्टाचार्य रिकॉर्डिंग की कहानी के बारे में लिखती हैं कि उस्ताद बड़े गुलाम अली खान गुस्से में स्टूडियो से बाहर आए और कहा कि तभी लौटेंगे जब उन्हें फिल्म का वो दृश्य दिखाया जाएगा, जिस पर गाने को फिल्माया जाना है. के. आसिफ ने बिना देर किए फौरन दिलीप कुमार (सलीम) और मधुबाला (अनारकली) सहित पूरी यूनिट को तैयार किया और पैलेस गार्डन में शूटिंग शुरू करा दी. शूटिंग के बाद सीन को एडिट कराकर उस्ताद के लिए स्क्रीनिंग कराई गई.
संगीतकार नौशाद के हवाले से रोशमिला भट्टाचार्य लिखती हैं कि बड़े गुलाम अली खान ने चुपचाप सारा दृश्य देखा और ये कहते हुए सिर हिलाया कि सलीम और अनारकली दोनों खूबसूरत दिख रहे हैं. इसके बाद उन्होंने सीन के मूड के मुताबिक गाना रिकॉर्ड करा दिया. उन्होंने गाने के तीन और टेक भी दिए. जब भी वो गाते थे उनके सामने स्क्रीन पर सीन चलता रहता था. रिकॉर्डिंग खत्म कर स्टूडियो से जाते समय बड़े गुलाम अली खान ने के. आसिफ से कहा कि जो भी टेक तुम्हें अच्छा लगे, उसे फिल्म में इस्तेमाल कर लेना. इस तरह उस्ताद बड़े गुलाम अली खान का किसी भी फिल्म के लिए गाया गया एकमात्र गाना रिकॉर्ड हुआ.
Next Story